मुजफ्फरपुर कांड : सीबीआइ ने मुहरबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ यौन शोषण मामले में सीबीआइ ने सोमवार को पटना उच्च न्यायालय में एक मुहरबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा की। सीबीआइ के वकील संजय कुमार ने एक मुहरबंद लिफाफे में मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले में सोमवार को पटना उच्च न्यायालय में एक मुहरबंद लिफाफे में रिपोर्ट जमा की। यह मामले की जांच में हुई प्रगति और इस मामले की जांच कर रहे सीबीआइ के अधीक्षक जेपी मिश्र के स्थानांतरण से जुड़ा है। मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह और न्यायमूर्ति रवि रंजन के खंडपीठ के समक्ष इस रिपोर्ट संजय ने सीबीआइ के उपमहानिरीक्षक, पटना की उपस्थिति में जमा किया । खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार का दिन निर्धारित किया है।

अदालत ने गत 23 अगस्त को इस मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट जमा करने में विफल रहने पर सीबीआइ की खिंचाई की थी। अदालत ने गत छह अगस्त को सीबीआइ को मामले की जांच में हुई प्रगति के संबंध में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था। इस मामले की जांच कर रहे जेपी मिश्र का स्थानांतरण गत 21 अगस्त को पटना के उपमहानिरीक्षक मुख्यालय कर दिया गया था। अदालत ने इस मामले की जांच से संबंधित बातें मीडिया में लीक होने पर नाराजगी जताई थी और मीडिया में प्रकाशन और दिखाए जाने पर रोक लगा दी थी।

मुंबई स्थित टीआइएसएस ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह सहित राज्य के अन्य अल्पावास गृह और बाल गृह में अनियमितता बरते जाने को लेकर समाज कल्याण विभाग को एक सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी जिसके बाद मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। उसके आधार पर उक्त बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। विपक्षी दलों की लगातार मांग पर राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की थी । ब्रजेश के फोन सीडीआर में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति से 17 बार वार्ता करने की बात सामने आने पर मंजू ने गत आठ अगस्त को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

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