मुजफ्फरपुर जिस्मफरोशी कांड: कोर्ट ने कहा- ब्रजेश ठाकुर की पत्नी को भी करो गिरफ्तार
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रय गृह मामले में बच्चियों के साथ हुई हैवानियत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इसके संचालक और मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर की पत्नी को भी गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। ब्रजेश ठाकुर की पत्नी के उपर फेसबुक के माध्यम से नाबालिग लड़कियों के नाम और पहचान उजागर करने के आरोप हैं। साथ ही कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि आखिर क्यों नहीं इन बाल गृहों की जांच की गई। वे कौन लोग हैं जो बिहार के शेल्टर होम को पैसा दे रहे हैं? ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ को पैसा देने को लेकर भी बिहार सरकार की खिंचाई की गई।
गौर हो कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सायंस की ऑडिट रिपोर्ट के बाद मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के साथ हो रही हैवानियत का मामला उजागर हुआ था। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर, समाज कल्याण अधिकारी रवि कुमार रौशन, किरण कुमारी सहित कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इनके उपर बच्चियों से जिस्मफरोशी करवाने तक के आरोप लगे हैं। इस बाबत बीते 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस भेज जवाब तलब किया था। अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार, महिला एवं बाल विभाग से पूछा था कि नाबालिग लड़कियों के साथ इस तरह की घटना होने से क्यों नहीं रोका गया।
वहीं दूसरी ओर ब्रजेश ठाकुर की पत्नी और बेटी लगातार उनका बचाव कर रही थी। ब्रजेश ठाकुर की बेटी का कहना था कि बालिका गृह में कई ऐसी बच्चियां आती थीं, जो अपने प्रेमी के साथ भाग जाती थी। कई रेड लाइट एरिया से लाई गई थी। ये पहले से ही यौन हिंसा का शिकार रहती थी। मेरे पिता बेकसूर हैं। बच्चियों से जबरदस्ती ऐसा बयान दिलवाया गया है। ब्रजेश ठाकुर की पत्नी भी अपने पति का बचाव कर रही हैं। इस बीच उन्होंने कई नाबालिग लड़कियों की नाम और पहचान फेसबुक के माध्यम से उजागर कर दी थी।
बता दें कि मुजफ्फरपुर इस पूरे मामले को अपने हाथ में लेने के बाद सीबीआई ने करीब एक सप्ताह तक कागजात व पुराने रिकार्ड का अध्ययन किया। इस दौरान सीबीआई के हाथ अहम सुराग लगे हैं। इधर समाज कल्याण विभाग के अफसरों के साथ ब्रजेश व अन्य से भी पूछताछ की तैयारी है। उसकी संपत्ति की जांच का मामला भी ईडी को सौंपा जा सकता है।