मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: आरोपी मधु कुमारी को मिलने वाला था सरकारी अवार्ड
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में मुख्य संदिग्धों में से एक और 31 मार्च को 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद से फरार मधु कुमारी मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। मधु कुमारी को साल 2015 में जिला प्रशासन द्वारा जिला महिला सम्मान दिलाने की शिफारिश की गई थी। इसमें उसने खुद के सामाजिक कार्यकर्ता होने के के अलावा बताया कि वो ब्रिजेश ठाकुर द्वारा प्रचारित एनजीओ में मुख्य पदाधिकारी है। ब्रिजेश ठाकुर शेल्टर होम केस में मुख्य आरोपी है। इस मामले में 22 फरवरी को सामाजिक कल्याण विभाग के सचिव को पत्र भेजा गया। इसमें मुजफ्फरपुर जिला मजिस्ट्रेट ने लिखा कि जिला स्तरीय कमेटी के फैसले के चलते मैं जिला सम्मान के लिए तीन प्रविष्टियां भेज रहा हूं। ये नाम हैं, ‘राजकुमारी देवी (किसान चाची), मधु कुमारी और माल्ति सिंह।’ इस पत्र की कॉपी इंडियन एक्सप्रेस को मिली है। जिला महिला सम्मान सोशल सर्विस में अति विशिष्ट कार्य करने के लिए हर जिले में एक महिला को दिया जाता है। हालांकि यह पुरस्कार आखिर में राजकुमारी देवी को दिया गया। राजकुमारी एक ग्रामीण व्यवसायी हैं, जिन्हें यह पुरस्कार कृषि में नए-नए प्रयोग करने के लिए दिया गया।
TISS द्वारा एक सोशल ऑडिट रिपोर्ट के बाद शेल्टर होम सुर्खियों में आया, जिसमें यौन शोषण से जुड़ी बड़ी संख्या में शिकायतें मिली। मेडिकल रिपोर्ट में 44 में 29 लड़कियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई। इस मामले में पुलिस ने 31 मई को ब्रिजेश ठाकुर और मधु कुमारी सहित कुल 11 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। सभी 44 लड़कियों को शेल्टर होम से मुक्त करा मधुबनी, पटना और मोकामा के शोर्ट स्टे होम्स में शिफ्ट किया गया। कथित तौर पर विपक्ष के दबाव के चलते 29 जुलाई को राज्य सरकार की शिफारिस पर केस सीबीआई को सौंपा गया।
दो अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने बड़े पैमाने पर यौन शोषण के बारे में जानकारी दी और बिहार सरकार और महिलाओं व बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किए। वहीं केस की देखरेख कर रहे मुजफ्फर टाउन मुकुल कुमार रंजन ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘मधु कार्यकर्ता है जो ब्रिजेश ठाकुर संग देह व्यापार का व्यापार चला रही थी।’