मुलायम ने लोहिया ट्रस्ट से रामगोपाल को हटाया, शिवपाल को बनाया नया सचिव
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर एक बार फिर उथल पुथल की आशंका पैदा हो गई है। सपा के संरक्षक और लोहिया ट्रस्ट के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को अहम फैसला लेते हुए अपने भाई और सपा नेता रामगोपाल यादव को ट्रस्ट के सचिव पद से हटाकर शिवपाल यादव को सचिव बना दिया। लखनऊ में गुरुवार को लोहिया ट्रस्ट की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस फैसले के बाद समाजवादी परिवार की रार एक बार फिर से सामने आ गई। समाजवादी पार्टी का राज्य सम्मेलन भी होना है। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के सवाल पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है।
लोहिया ट्रस्ट की बैठक में मुलायम सिंह यादव के साथ शिवपाल सिंह यादव ने हिस्सा लिया। इसके अलावा ट्रस्ट के सदस्य के तौर पर भगवती सिंह, राजेश यादव भी बैठक में शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव बैठक में नहीं आए। ट्रस्ट की बैठक में प्रबंध कार्यसमिति को लेकर चर्चा हुई। गौरतलब है कि बैठक से पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि रामगोपाल यादव को ट्रस्ट से बाहर किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 5 अक्टूबर को आगरा में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल सम्मेलन होने वाला है। कयास लगाये जा रहे हैं कि राष्ट्रीय सम्मेलन से पहले ही मुलायम सिंह यादव द्वारा नई पार्टी बनाने का निर्णय लिया जा सकता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के मुताबिक जल्द ही नई पार्टी के गठन की घोषणा की जाएगी। उनका कहना था कि वह और नेता जी चाहते हैं कि पार्टी और परिवार एक रहे, लेकिन अखिलेश यादव अपनी जिद पर अड़े हैं। उनकी जिद की वजह से मजबूरन नई पार्टी के गठन के बारे में सोचना पड़ रहा है।
इस बात की खबरें भी सामने आ रही हैं कि नई पार्टी का नाम समाजवादी सेकुलर फ्रंट हो सकता है और इसकी घोषणा नवरात्रि में की जा सकती है। मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के समर्थकों ने जिलेवार अपने लोगों को चिह्नित करना शुरु कर दिया है। दो दिन पहले शिवपाल ने कन्नौज में कहा था कि ‘समाजवादी पार्टी किसने बनाई? क्या नेता जी का अपमान होना चाहिए?’ शिवपाल ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी की हार पर अपने संगठन के बिखराव को दोषी ठहराया था।