‘मुसलमानों ने मदद न की होती तो हम मर जाते’, उत्कल एक्सप्रेस हादसे में जिंदा बचे हिन्दू संतों का बयान
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली में हुए रेल हादसे में 24 लोगों की मौत हो गई और 100 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए थे। फिलहाल अभी तक ट्रेन के पटरी से उतरने के कारणों का सही पता नहीं चल पाया है। रिपोर्ट के अनुसार इस हादसे के पीछे ट्रेक पर चल रही मरम्मत को बताया जा रहा है। इस हादसे के बाद इलाके के कई मुसलमान पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए आगे आए थे। इस ट्रेन में कई भगवा रंग पहने साधु भी सफर कर रहे थे। साधुओं ने दावा किया कि अगर सही समय पर मुसलमान मदद के लिए आगे नहीं आते तो हम मर जाते।
भगवान दास नाम के एक साधू ने कहा कि हादसे के बाद दर्द के कारण उनका सर फटा जा रहा था। मुस्लिम बहुल इलाके के कई मुसलमान हादसे के तुरंत बाद ही घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने मुझे ट्रेन के कोच से बाहर निकाला। इतना ही नहीं कोच से बाहर निकालने के बाद वे मेरे लिए पानी लेकर आए और उन्होंने मेडिकल चीजों की व्यवस्था की ताकि वे घायलों का उपचार कर सकें। दास ने बताया कि मुझे याद है कि हादसे के बाद मेरा सिर सीट के नीचे दब गया था, जिसके कारण मुझे काफी दर्द हो रहा था। चारों तरफ से केवल चिल्लाने की आवाज़े आ रही थीं। सच कहूं तो अगर समय पर मुस्लिम लोग घटनास्थल पर आकर लोगों की मदद नहीं करते तो हो सकता था कि हमारी जान न बच पाती। उन्होंने हमारे लिए पानी, खाट और प्राइवेट डॉक्टर की व्यवस्था की। उनके इस व्यवहार को हम कभी भी नहीं भूल सकते।