मुस्लिम धर्मगुरु का फतवा- फेसबुक पर फर्जी ‘लाइक’ करवाना इस्लाम में हराम
“सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लोगों से फर्जी लाइक करवाना सरासर गलत है। लाइक्स की खरीद-फरोख्त करना इस्लाम के अंतर्गत हराम माना जाता है।” ये बातें मिस्र में रहने वाले एक मुस्लिम धर्मगुरु ने कही हैं। उन्होंने इस संबंध में एक फतवा भी जारी किया है, जिसमें सोशल मीडिया से जुड़ी कई चीजें शामिल हैं। शकवी अल्लाम मिस्र में ग्रैंड मुफ्ती हैं। वह यहां पर लोगों को इस्लाम से जुड़े कानून और वैधानिक मामलों के बारे में बताते हैं। मुस्लिम धर्मगुरु ने इस बाबत अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट भी किया। उन्होंने इसमें कहा, “अगर लाइक्स नकली हों, तब इस चीज को नाजायज समझा जाना चाहिए, जो एक किस्म की जालसाजी या धोखाधड़ी भी है।”
आगे एक हदीस (पैगंबर मोहम्मद के कथन) का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “जो धोखा देता है, वह हममें से नहीं है।” हालांकि, धर्मगुरु ने इसी के साथ यह भी स्पष्ट किया कि दर्शकों (ऑडियंस) को बढ़ाने के लिए विज्ञापन चलाना, जिससे कि लाइक्स में भी बढ़ोत्तरी होती है, यह चीज हराम नहीं है, क्योंकि वे लाइक्स असली होते हैं।
बकौल मुस्लिम धर्मगुरु, “अगर फर्जी लाइक्स पेज के मालिक या संचालक की जानकारी के बगैर बढ़ रहे हैं तो यह उस शख्स (पेज के संचालक) की गलती नहीं है। यह उसके लिए हराम नहीं है, उसके लिए है, जिसने लाइक्स के साथ छेड़खानी की होगी। यह फतवा उसी पर लागू होगा।”
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब अल्लाम ने तकनीक या फिर इंटरनेट से जुड़े मामले पर फतवा जारी किया हो। उन्होंने इससे पहले भी एक फतवा जारी किया था, जिसमें वर्चुअल मुद्रा बिटकॉइंस और अन्य क्रिप्टो करंसी को गलत ठहराया गया था। फतवे के अनुसार, बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टो करंसी के जरिए व्यापार करना बिल्कुल जुआ खेलने जैसा है। इस्लाम में इसे भी हराम माना गया है।