मुस्लिम नेता की मांग- स्कूल में बंद हो मंत्रों का पाठ, बताया धर्म के खिलाफ
अहमदाबाद के एक मुस्लिम पार्षद ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) और जिला शिक्षा अधिकारी (ग्रामीण) को पत्र लिखकर डीएवी इंटरनेशनल स्कूल की शिकायत की है। मिरर अहमदाबाद की रिपोर्ट के अनुसार, मकतमपुरा के पार्षद हाजी असरारबेग एस मिर्जा ने अपने पत्र में कहा है कि इस स्कूल में पढ़ने वाले मुस्लिम छात्रों के बच्चों के अभिभावकों ने बताया है कि यहां परिसर में ईद नहीं मनाई गई और छात्रों को गायत्री मंत्र का जाप करने और ‘हवन’ में हिस्सा लेने पर मजबूर किया गया। पार्षद ने अब सीबीएसई से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करे कि देशभर में डीएवी इंटरनेशनल स्कूल की विभिन्न शाखाओं में बच्चों को ‘जबरन’ ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए मजबूर न किया जाए। पत्र में सीबीएसई से कहा गया है कि वह डीएवी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को एक दिन निर्धारित करने के लिए कहे जब छात्र और शिक्षक ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकें। पत्र में कहा गया है, ”विद्यालय को रमजान ईद और ईद-ए-मिलाद जैसे त्योहार भी मनाने चाहिए। वहां सभी बच्चों के लिए वेद पढ़ने, मंत्र जपने या किसी धार्मिक विषय पढ़ने या परीक्षा कराना जरूरी नहीं होना चाहिए। उन्हें मुस्लिम छात्रों को योग करने या लाउडस्पीकर पर गायत्री मंत्र या किसी अन्य धार्मिक मंत्र सुनने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।”
मिर्जा ने मिरर से बातचीत में छात्रों को धार्मिक गतिविधियों के लिए मजबूर करना ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है और आत्मा की आजादी जो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19, 25 और 28 (1) के तहत दी गई है।’ पार्षद का कहना है कि वैसे तो स्कूल दावा करता है कि छात्रों को गायत्री मंत्र बोलने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, बल्कि जब एक मुस्लिम छात्र रोज गायत्री मंत्र सुनता है और अन्य छात्रों को जप करते देखता है तो वह भी जपना और उसमें विश्वास करना शुरू कर देगा। पार्षद का तर्क है कि ‘इससे न सिर्फ अभिभावकों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी, बल्कि बच्चों के नाजुक मन में उलझन, प्रताड़ना और निराशा भर देता है।’