मुस्लिम युवक की कोर्ट से अपील- बीवी लौटा दो, हिंदू पत्‍नी की शर्त- दोबारा शादी मत करना और मेरा नाम मत बदलवाना

हिंदू पत्नी को वापस पाने के लिए मुस्लिम युवक ने कोर्ट में याचिका दी। युवक ने याचिका में कहा था कि चूंकि उसकी पत्नी हिंदू है, लिहाजा उसके घर वालों ने उन दोनों के निकाह को मंजूर नहीं किया। युवक का आरोप था कि पत्नी के घर वालों ने इसी वजह से उसे घर में कैद कर के रखा हुआ था। याचिकाकर्ता समीर खान ने इसी साल जनवरी में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दी थी। उन्होंने सितंबर 2017 में 23 साल की एक महिला से शादी की थी। वे दोनों इंदौर में रहते थे, जहां वह एक बुटीक चलाते थे। पत्नी के घर वालों को जब पता लगा कि वे निकाह कर चुके हैं तो उन्होंने उसका घर से निकलना तक बंद कर दिया। 26 फरवरी को इस मामले में जस्टिस जेके महेश्वरी के सामने महिला को पेश किया था। यहां याचिकाकर्ता की हिंदू पत्नी ने कुछ शर्तें रखीं थी। पत्नी का कहना था, “मैं पति के पास लौटना तो चाहती हूं, मगर वह वादा करे कि वह दोबारा शादी नहीं करेगा। न ही मुझसे नाम बदलने को कहेगा।”

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कुलदीप पाठक ने कहा कि समीर ने पत्नी की शर्तों पर हामी भरी है। ऐसे में महिला ने उसके साथ लौटने का फैसला लिया है। सरकारी अधिवक्ताओं ने उस दौरान सलाह दी कि जज महिला के बयान अपने चैंबर में सुनें, क्योंकि वह तब तक किसी फैसले को लेकर अपना मन नहीं बना पाई थी। वह भ्रमित थी।

कोर्ट में साढ़े तीन बजे दोबारा सुनवाई हुई। महिला ने तब कहा कि वह अपने मां-बाप के पास वापस जाना चाहती है, जो कोर्ट में ही मौजूद थे। घर वालों ने भी कोर्ट के सामने उसकी देखरेख करने की बात स्वीकारी। जज ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि महिला को जबरन घर में कैद नहीं किया गया था।

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