मुस्लिम लड़कियों की गैर मुस्लिमों से शादी की पैरवी कर ट्रोल्स के निशाने पर शेहला राशिद
जेएनयू की स्टूडेंट एक्टिविस्ट शेहला राशिद ने मुस्लिम लड़कियों की गैरमुस्लिमों से शादी का समर्थन किया तो ट्रोलर्स ने उन्हें घेर लिया। इस पर शेहला ने कहा कि ट्रोलर्स की वो परवाह नहीं करतीं, उन्हें सिर्फ शांति की वकालत करना अच्छा लगता है। दरअसल हाल में दिल्ली में अंकित सक्सेना नामक युवक की मुस्लिम प्रेमिका के घरवालों ने गला रेत कर हत्या कर दी थी। जिसके बाद मामला सोशल मीडिया पर खासा चर्चा का विषय बना रहा। जहां कुछ लोग इसे हिंदू-मुस्लिम से जोड़कर देखते रहे तो तमाम लोगों ने प्यार को लेकर समाज की पुरातनपंथी मानसिकता को जिम्मेदार ठहराया। यानी ऐसा मानसिकता जो इस जमाने में भी स्वजातीय और अपने धर्म मे शादियों के पक्ष में ही रहती है।
अंकित की हत्या के मामले में शेहला राशिद ने मुस्लिमों से कहा कि अगर वे शांति से रहना चाहते हैं तो बहनों-बेटियों को पसंद से गैरमुस्लिमों से शादी करने दें। उन्होंने कहा कि यदि हम प्यार के लिए जगह नहीं बनाते तो हम नफरत का शासन कायम करते हैं।
उधर टाइम्स ऑफ इंडिया, से बातचीत में शेहला ने कहा कि महिलाओं को समुदाय और विश्वासों के जरिए बंधक बना लिया गया है और यह पुरुषों का धर्म है जो उनकी पसंद को निर्धारित करता है। शेहला ने सोशल मीडिया पर कहा-जिस तरह से हादिया को अपना जीवन साथी चुनने का अधइकार है, उसी तरह एक अन्य मुस्लिम युवती को भी अंकित सक्सेना को जीवन साथी के रूप में चुनने का अधिकार है। नागरिकों पर संविधान लागू होता है न कि इस्लामिक या हिंदू कानून। शेहला ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट बिना धर्म बदले एक से दूसरे धर्म के लोगों के बीच शादी की अनुमति देता है।मुस्लिम महिलाओ के भी दूसरे धर्म के लोगों से प्यार करने पर यह बात लागू होती है। शेहला ने कहा कि बीते दिनों आई लव मुस्लिम कहने पर एक बीजेपी कार्यकर्ता की प्रताड़ना से हिंदू लड़की ने आत्महत्या क ली थी, वहीं मुस्लिम लड़की से प्यार करने पर अंकित सक्सेना की हत्या हो गई। हमें इसको लेकर शर्म करना चाहिए।