मेजर की पत्नी का मर्डरः हत्यारोपी मेजर हांडा ने एक साल में तीन हजार बार किया शैलजा को फोन, भाई ने कहा-दोस्ती को प्यार समझ बैठा
मेजर की पत्नी के हत्याकांड में पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि हत्यारोपी मेजर निखिल राय हांडा ने शैलजा द्विवेदी को पिछले एक साल में 3000 बार फोन किया है। जांच में सामने आया है कि शैलजा ने मेजर निखिल राय हांडा की कॉल को रिजेक्ट करना भी शुरु कर दिया था। पुलिस ने जब आरोपी और पीड़िता की कॉल डिटेल्स खंगाली हैं तो उसमें इस बात का पता चला है। पुलिस का कहना है कि मेजर निखिल राय हांडा ने शैलजा को एक मोबाइल फोन भी गिफ्ट किया था। मेजर अपने साथ पहले से ही दो स्विस चाकू लेकर आया था, जिससे पता चलता है कि आरोपी मेजर ने बड़ी ही चालाकी से और पूरी योजना बनाकर शैलजा की हत्या की थी।
पुलिस को गुमराह करने की बनायी थी योजनाः जांचकर्ताओं का कहना है कि आरोपी मेजर ने मेरठ जाते वक्त एक टोल प्लाजा पार करने के बाद दौराला के नजदीक यू-टर्न लिया और फिर वापस आया, ताकि पुलिस उसका आसानी से पीछा ना कर सके। आरोपी मेजर हत्या के बाद अपने भाई से मिला और उससे 20000 रुपए उधार लिए। इस दौरान आरोपी मेजर काफी शांत और सामान्य बना रहा ताकि किसी को उस पर शक ना हो। साथ ही मेजर मेरठ के रास्तों से भी अच्छी तरह वाकिफ था क्योंकि उसकी पोस्टिंग पहले मेरठ में रह चुकी थी। बताया जा रहा है कि आरोपी मेजर ने अपने भाई को जो फोन किया उसी कॉल की वजह से वह पुलिस के हत्थे चढ़ सका। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी मेजर ने शैलजा के 3 फोन और एक छाते को अलग-अलग जगह पर फेंका ताकि आसानी से पुलिस सबूत ना जुटा सके।
“दोस्ती को समझ बैठा प्यार”- शैलजा द्विवेदी के परिजनों का आरोप है कि मेजर शैलजा के पीछे पड़ा था। शैलजा के भाई, जो कि अमृतसर में एक वकील हैं, उनका कहना है कि ‘आरोपी मेजर हांडा ने उनकी बहन के दोस्ताना रवैये को यह मान लिया कि वह उसे पसंद करती है।’ पुलिस का कहना है कि आरोपी मेजर फरारी के दौरान लगातार अपने फोन को स्विच ऑफ और स्विच ऑन कर रहा था, ताकि पुलिस को उसकी लोकेशन का पता ना चल सके। आरोपी मेजर लगातार आपने बयान बदल रहा है।