मेट्रो स्टेशन के नाम में एफआइआइटी जेईई जोड़ने पर आइआइटी को एतराज

दिल्ली मेट्रो की जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक की मजेंटा लाइन का सोमवार को उद्घाटन होगा और आम लोग मंगलवार से इसका इस्तेमाल कर पाएंगे, लेकिन इस लाइन के उद्घाटन से पहले ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), दिल्ली परिसर के पास बने स्टेशन के नाम को लेकर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, इस स्टेशन का नाम आइआइटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने वाले संस्थान एफआइआइटी जेईई के नाम पर रख दिया गया है, जिसको लेकर आइआइटी ने एतराज जताया है। आइआइटी दिल्ली के उप-निदेशक प्रोफेसर अशोक गुप्ता ने बताया कि हमने इस मामले को केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय और दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के सामने उठाया है।

उनका कहना है कि आइआइटी के साथ एफआइआइटी जेईई का नाम जोड़ने से लोगों को भ्रम हो सकता है। आरडी मंत्रालय को लिखे पत्र में आइआइटी ने लिखा है कि आइआइटी दिल्ली देश का एक प्रतिष्ठित संस्थान है और उसकी छवि की सभी को चिंता करनी चाहिए। इससे ऐसा लगेगा जैसे एफआइआइटी जेईई और आइआइटी का कुछ जुड़ाव है। इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा होगी। नामों को एक साथ जोड़े जाने से विद्यार्थी, उनके अभिभावक और संस्थान के पूर्व छात्र सवाल पूछ रहे हैं और शिकायत कर रहे हैं कि क्या आइआइटी की प्रवेश परीक्षा के लिए एफआइआइटी जेईई ‘आधिकारिक’ कोचिंग भागीदार बन गया है। दिल्ली मेट्रो राजस्व जुटाने के लिए 2014 से अपने कई स्टेशनों के नामों की निविदा निकालता रहा है। आइआइटी का यह भी कहना है कि ऐसे मामलों में पहले आसपास के संस्थानों से राय ली जानी चाहिए।

संस्थान ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा

दिल्ली हाई कोर्ट ने आइआइटी की एक याचिका पर डीएमआरसी से जवाब मांगा है। आइआइटी ने अपने परिसर के नजदीक स्थित मेट्रो स्टेशन के नाम में एफआइआइटी-जेईई को जोड़े जाने का विरोध किया है। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने याचिका पर सुनवाई करते हुए डीएमआरसी व एफआइआइटी जेईई को नोटिस जारी किया है और आइआइटी की याचिका पर उनसे जवाब मांगा है। आइआइटी ने अपनी याचिका में दिल्ली मेट्रो को निर्देश देने की मांग की है कि इसके नाम का उपयोग एफआइआइटी जेईई के साथ न किया जाए और दावा किया कि इससे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान की छवि खराब होगी।

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