मेट्रो स्मार्ट कार्ड पर भी पड़ी बढ़े किराए की मार!

दिल्ली मेट्रो के किराए में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी का असर अब स्मार्ट कार्डों की बिक्री पर भी दिखने लगा है। मेट्रो के किराए में इस साल हुई पहली बढ़ोतरी का नतीजा यह रहा कि टोकन से सफर करने वाले यात्रियों ने मेट्रो से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, अब तो अपेक्षाकृत सस्ते सफर का दावा करने वाले स्मार्ट कार्ड को भी लोगों ने नकारना शुरू कर दिया है। अक्तूबर में दोबारा बढ़ाए गए किराए से स्थिति और खराब हुई है। इसके कारण दिल्ली मेट्रो के यात्रियों की संख्या में ही नहीं, बल्कि पिछले एक साल में स्मार्ट कार्ड की बिक्री में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है।  सूचना के अधिकार के (आरटीआइ) तहत मिले जवाब के मुताबिक, पिछले साल जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्तूबर में मेट्रो ने रोजाना करीब 15650 कार्डों की बिक्री की थी। यानी इतने नए यात्री रोज जुड़ रहे थे। इस साल इन्हीं महीनों में यह आंकड़ा गिरकर 12250 हो गया।

डीएमआरसी का अलग दावा
इस मुद्दे पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने कहा कि कार्डों की बिक्री में भले अभी अंतर है पर इसके बावजूद स्मार्ट कार्ड उपयोगकर्ताओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जबकि आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्तूबर में स्मार्ड कार्ड की बिक्री रोजाना क्रमश: 16000, 16500, 15200 और 14900 थी। वहीं इस साल इन महीनों में स्मार्ड कार्ड की बिक्री क्रमश: 12900,12400,11700 और 12000 रही।

इस साल दो बार बढ़ाया किराया
मेट्रो ने इस साल दो बार मई और अक्तूबर में अपने किराए में बढ़ोतरी की। अक्तूबर में दूसरी बार किराए में बढ़ोतरी के बाद रोजाना यात्रियों की संख्या में करीब तीन लाख की गिरावट आई है। मई की बढ़ोतरी के समय भी यात्रियों की संख्या घटी थी। तब डीएमआरसी के आंकड़ों में ही यह गिरावट तीन से चार फीसद तक थी। इसके बावजूद अभी भी डीएमआरसी प्रशासन इस सच को नकार रहा है कि किराए में बढ़ोतरी के कारण यात्रियों की संख्या में कमी आ रही है।

 

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