मेरठ में बंगाल के राज्यपाल का विरोध किया वकीलों ने
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग कर रहे वकीलों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के शनिवार मेरठ आगमन पर जमकर हंगामा किया। वकीलों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए उन पर लाठियां बरसार्इं, जिसमें कुछ वकील घायल हो गए हैं। वकीलों के उग्र रुख के कारण राज्यपाल सड़क मार्ग से चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय नहीं पहुंच सके। मजबूरन प्रशासन को उनका हेलिकॉप्टर विश्वविद्यालय परिसर में ही उतरवाना पड़ा। बाद में राज्यपाल विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। उधर सैकड़ों वकील विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना बाकी प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान वकीलों ने किसी भी भाजपा नेता को विश्वविद्यालय में दाखिल नहीं होने दिया। वहीं विश्वविद्यालय में हजारों छात्र भूखे प्यासे अंदर ही बंधक बने रहे। वकील अपने हाथों में बेंच विरोधी केशरीनाथ त्रिपाठी वापस जाओ की तख्ती लिए हुए थे।
कुछ साल पहले पश्चिम में हाई कोर्ट की बेंच को लेकर केशरीनाथ त्रिपाठी ने अपना विरोध दर्ज किया था। आज चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में उनका आना तय था। मेरठ हाई कोर्ट बेंच संघर्ष समिति के संयोजक प्रबोध शर्मा व मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश अग्रवाल ने केशरीनाथ त्रिपाठी के मेरठ आने पर उनके विरोध का ऐलान किया था। शुक्रवार की शाम जिलाधिकारी समीर वर्मा व एसएसपी मंजिल सैनी के साथ वकीलों की बातचीत भी हुई थी। लेकिन बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला पाया। मेरठ जिला बार के पूर्व महामंत्री रामकुमार शर्मा ने साफ कहा कि हाई कोर्ट बेंच का विरोध करने वालों को हम कतई बर्दास्त नहीं करेंगे। सुबह से ही वकील पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के विरोध को लेकर रणनीति बनाने में जुटे थे। सैकड़ों वकील जब कचहरी से विश्वविद्यालय के लिए कूच कर रहे थे, तभी जेल चुंगी चौराहे पर पुलिस ने उनको रोकने का प्रयास किया। लेकिन वकील वापस लौटने को तैयार नहीं थे। जिस पर पुलिस व वकीलों के बीच जमकर कहासुनी हुई।
वकीलों के उग्र रूप को देखते हुए पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें कुछ वकील घायल हुए हैं। जेल चुंगी चौराहे पर पुलिस से भिड़ंत के बाद भारी तादाद मे वकील विश्वविद्यालय की ओर चल दिए। पुलिस ने सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने बेरिकेटिंग की हुई थी, जिसको तोड़ते हुए वकील आगे बढ़ गए। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर पुलिस व वकीलों के बीच कई बार धक्कामुक्की हुई। एसपी सिटी मानसिंह चौहान ने जब वकीलों से बात का विरोध किया तो वकीलों ने बात करने से इंकार कर दिया। इस दौरान पुलिस के साथ ही आरएएफ को भी लगा दिया गया। साथ ही वकीलों की गिरफ्तारी के लिए कुछ बसों को विश्वविद्यालय के गेट पर बुला लिया गया। बेंच के संयोजक प्रबोध शर्मा ने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध दर्ज करा रहे थे। लेकिन पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम किया। एसएसपी मंजिल सैनी ने खुद लाठी बरसाई जिससे मेरे भी पैर में चोट आई है। उसके बावजूद हम अपना विरोध दर्ज कराने में कामयाब हुए हैं।