मैकेनिकल नहीं सिविल इंजीनियर्स के लिए होती हैं सिविल सर्विसेज – त्रिपुरा सीएम बिप्लब देब का एक और अजीब बयान

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब अपने एक ताजा बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। अब बिप्लब देब ने कहा है कि सिविल सर्विसेज मैकेनिकल इंजीनियर्स के लिए नहीं, बल्कि सिविल इंजीनियर्स के लिए होती हैं। द नॉर्थं ईस्ट टुडे की खबर के मुताबिक बिप्लब देब ने शुक्रवार (27 अप्रैल) को सिविल सर्विस डे के मौके पर सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को संबोधित करते हुए यह बात कही। बिप्लब देब ने कहा- ”पुराने समय में मानवता की पृष्ठभूमि रखने वाले लोग अमूमन सिविल सेवा परीक्षा में बैठते थे, यहां तक की डॉक्टर्स और इंजीनियर्स भी इसके लिए आवेदन करते हैं।” लेकिन वह यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा- ”मैकेनिकल इंजीनियर्स को सिविल सेवाएं नहीं चुनना चाहिए लेकिन सिविल इंजीनियर्स को सिविल सेवा परीक्षाएं चुनना चाहिए।” इस मौके पर बिप्लब देब ने ममता बनर्जी को खुली चुनौती दी कि तीन वर्षों में त्रिपुरा की विकास दर पश्चिम बंगाल से अच्छी होगी।

बिप्लब देब के ताजा बयान का वीडियो भी यूट्यूब पर देखा जा रहा है और सोशल मीडिया पर उन्हें जबरन ज्ञान बांटने वाला बताकर मजाक भी बनाया जा रहा है। इसकी वजह बिप्लब के हाल ही में दिए गए वे विवादित बयान रहे, जिनमें उन्होंने कहा था कि महाभारत काल में इंटरनेट और सैटेलाइट काम करते थे और डायना हेडन विश्व सुंदरी के ताज के लायक नहीं थीं। बिप्लब देब ने सौंदर्य प्रतियोगिताओं की विश्वस्यनीयता पर सवाल खड़ा करते हुए डायना हेडन को मिले ताज की आलोचना की थी और ऐश्वर्या राय की तारीफ की थी। उन्होंने सौंदर्य प्रतियोगिताओं को कॉस्टमेटिक और ब्यूटी प्रोडक्ट वाले बाजार में घुसने का हथकंडा करार दिया था और ऐसे आयोजनों से जुड़े लोगों को मार्केटिंग माफिया बताया था।

बिप्लब देव ने कहा था कि जैसे कंपनियां भारतीय बाजार में अपने प्रोडक्ट्स घुसाने में कामयाब हो गई तो उसके बाद किसी भारतीय को खूबसूरती का ताज नहीं मिला। बिप्लब देव की टिप्पणी पर डायना हेडन ने हैरानी जताई थी और कई मीडिया हाउसेज के जरिये उन्हें जवाब दिया था। डायना हेडन ने कहा था- ”मैं बचपन से रंगभेद की आलोचनाओं से जूझ रही हूं। और मैं सफल हूं। लोगों को मेरी उपलब्धियों का महत्व कम करने के बजाय उन पर गर्व करना चाहिए। मैं एक भूरी त्वचा वाली भारतीय होने के नाते गौरवान्वित हूं। मुझे दुख है। मंत्री का एक विशिष्ट कद है और वह जो कहते हैं उसके लिए उन्हें परवाह करनी चाहिए।”

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