मोदी के दौरे से पहले रवीश कुमार ने पटना यूनिवर्सिटी को बताया वाहियात, कहा-फालतू के कार्यक्रम पर लाखों फूंक दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (14 अक्टूबर) बिहार के मशहूर पटना यूनिवर्सिटी के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह में हिस्सा लिया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने यूनिवर्सिटी का गुणगान किया और कहा कि राज्यों के टॉप फाइव नौकरशाहों में अधिकांश बिहार के और इसी यूनिवर्सिटी के पूर्ववर्ती छात्र रहे हैं। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय के गौरवशाली अतीत और यहां के पठन-पाठन की सराहना की लेकिन वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को अनावश्यक प्रवचन करार दिया है। रवीश ने अपने फेसबुक पोस्ट में पटना यूनिवर्सिटी को वाहियात बताया है और कहा कि फालतू के कार्यक्रम पर लाखों फूंक दिया गया।

रवीश ने लिखा है, “जिस यूनिवर्सिटी ने हम जैसे लाखों नौजवानों को अगले तीस चालीस पचास साल के लिए दरबदर कर दिया, उस वाहियात पटना यूनिवर्सिटी का शताब्दी जश्न है। फालतू के कार्यक्रम पर पैसा फूँका गया है। अनावश्यक प्रवचन होगा। नैतिक शिक्षा होगी कि युवाओं का देश है। युवाओं को आगे ले जाना है। युवा शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है। यूनिवर्सिटी ज्ञान का केंद्र है। ठीक से सोचेंगे तो मेरी बात समझ आएगी। कोई नोटिस नहीं कर रहा है। नोटिस करने के लिए ही प्रधानमंत्री को बुलाया गया है। पचास लाख शामियाना कुर्सी पर ही उड़ गया होगा।”

एक दिन पहले रवीश ने पूर्ववर्ती छात्रों को बुलाने में हुई राजनीति पर भी तंज कसा था। उन्होंने लिखा था, “पटना यूनिवर्सिटी सौ साल में इतना छोटा हो गया कि अपने पूर्व छात्रों को बुलाने का साहस ही नहीं जुटा सका। शत्रुध्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा को सौ साला जश्न में नहीं बुलाया गया है। जबकि ये दोनों अभी तक बीजेपी में ही हैं। यशवंत सिन्हा ने आवाज़ उठाकर बीजेपी का समय रहते भला ही किया है। तभी तो सरकार हरकत में आई है। जिस वीसी को वहाँ के छात्र भी नहीं जानते होंगे, उन्हें यह बात कैसे समझ आ गई कि इन्हें नहीं बुलाना चाहिए। शर्मनाक हरकत है। हमारी राजनीति ओछी होती जा रही है।”

बता दें कि पटना यूनिवर्सिटी का शताब्दी वर्ष समारोह सालभर चलने वाला है। इसके तहत कई तरह के कार्यक्रम होने हैं लेकिन मुख्य समारोह में पूर्ववर्ती छात्रों यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा, लालू यादव जैसे नेताओं को नहीं बुलाया गया है। अब इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है कि जानबूझ कर मोदी के विरोधियों को कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है। हालांकि, यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने कहा है कि सभी को निमंत्रण भेजा गया है। दूसरी तरफ कई यूजर्स ने रवीश के पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी है कि यूनिवर्सिटी तो वाहियात नहीं है, हां, शिक्षकों की वहां भारी कमी है। कई विभाग सालों से एडहॉक शिक्षकों के सहारे ही चलाए जा रहे हैं।

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