मोदी को हराने आप और कांग्रेस में गठबंधन के आसार? केजरीवाल ने दिया ये ऑफर
आगामी लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दो धुर विरोधी पार्टियां भी बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के इरादे से हाथ मिला सकती हैं। न्यूज 24 के मुताबिक दिल्ली की सात लोकसभा सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) मिलकर चुनाव लड़ सकती हैं। आप की तरफ से इसका प्रस्ताव कांग्रेस पार्टी को भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक आप ने सात में से तीन सीटें कांग्रेस को देने का ऑफर दिया है। बता दें कि इस वक्त दिल्ली की सभी सात सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बावत कई बार दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन से मुलाकात की है और दोस्ती बढ़ाने पर चर्चा की है।
हालांकि, कांग्रेस की तरफ से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है लेकिन अरविंद केजरीवाल इस गठबंधन के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक आप ने जिन तीन सीटों का ऑफर कांग्रेस को दिया है वे, पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तरी-पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट है। फिलहाल पूर्वी दिल्ली से महेश गिरी, चांदनी चौक से केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और उत्तरी-पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सांसद हैं। सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस ने इस बातचीत के क्रम में चार सीटें मांगी है। हालांकि, कांग्रेस का एक धड़ा आप से दोस्ती करने को इच्छुक नहीं है। कुछ कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि चूंकि आप का ग्राफ दिनों दिन गिर रहा है, इसलिए आप से गठबंधन नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि हाल ही में कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में अरविंद केजरीवाल भी मंच पर मौजूद थे। यह मौजूदगी देश की आगामी सियासत की भावी तस्वीर है। यानी बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस किसी भी क्षेत्रीय दल से दोस्ती करने को इच्छुक है। इसकी बानगी भी कर्नाटक में ही दिखी जब कांग्रेस ने धुर विरोधी जेडीएस से चुनाव बाद दोस्ती कर बीजेपी को सत्ता में आने से रोक दिया। दरअसल, बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस के पास फिलहाल यह ऑप्शन नहीं है कि उन्हें बद चुनना है या बदतर। बीजेपी को हराने के लिए किसी भी दल से दोस्ती करना कांग्रेस की मौजूदा सियासी मजबूरी है। राजनीतिक जानकार भी कहते हैं कि अगर दिल्ली में आप और कांग्रेस की दोस्ती होती है तो बीजेपी के लिए यह नुकसानदेह हो सकता है। देश में फिलहाल कई क्षेत्रीय दल मतभेदों को बुलाकर गठबंधन कर रहे हैं और इसके सकारात्मक नतीजे आ रहे हैं।