‘मोदी युग’ के ‘भरत’ हैं पीयूष गोयल, नहीं बैठते वित्त मंत्री की कुर्सी पर, जानें-क्यों?
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त मंत्री को लेकर उपजे उहापोह पर ऐसी टिप्पणी की है जो सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्वामी ने अखबारों में पीयूष गोयल को अंतरिम वित्त मंत्री लिखे जाने पर चुटकी ली और कहा कि संविधान में ऐसे किसी पद का प्रावधान नहीं है। बता दें कि पीएमओ की वेबसाइट पर वित्त मंत्री के तौर पर जहां पीयूष गोयल का नाम छपा है, वहीं वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर अरुण जेटली का नाम छपा है। दरअसल, पिछले महीने 14 मई को किडनी ट्रांसप्लांट होने की वजह से अरुण जेटली की जगह पीयूष गोयल को वित्त मंत्री का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। बावजूद इसके मंत्रालय की वेबसाइट पर जेटली का नाम छपा रहा।
स्वामी ने ‘द क्विन्ट’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वित्त मंत्री और अंतरिम वित्त मंत्री दोनों एकसाथ कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अखबार में पढ़ने के बाद उन्होंने ट्वीट के जरिए यह पूछा था। उन्होंने कहा कि बिस्तर में बैठे-बैठे जेटली ने आलेख लिखा है, उसमें उन्हें वित्त मंत्री बताया गया है। बता दें कि जेटली ने पिछले दिनों कई ब्लॉग लिखे हैं जिसके जरिए उन्होंने कांग्रेस और कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधा है। ब्लॉग के जरिए ही अरुण जेटली ने बुधवार (20 जून) को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के इस्तीफे की घोषणा की थी। स्वामी ने कहा कि अरविंद सुब्रमण्यम का इस्तीफा पीयूष गोयल की तरफ से स्वीकृत होना चाहिए था क्योंकि फिलहाल वित्त मंत्री वो हैं।
सूत्रों के मुताबिक किडनी ट्रांसप्लांट के बाद जेटली 4 जून को अस्पताल से घर लौटे हैं। टेलीग्राफ के मुताबिक वो अगस्त में पद संभालेंगे। अस्पताल से आने के अगले ही दिन जेटली ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग से बात की थी। इसमें मंत्रालय के टॉप अफसर भी शामिल थे। इसी में अरविंद सुब्रमण्यम ने अपने पद त्याग की बात उनसे की थी जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान पीयूष गोयल कई बार वित्त मंत्रालय आए और अधिकारियों से विचार-विमर्श किया लेकिन वो वित्त मंत्री के दफ्तर में वित्त मंत्री की कुर्सी पर कभी भी नहीं बैठे बलेकि वहां सोफा पर बैठकर ही काम निपटाया। इसी वजह से सत्ता के गलियारों में पीयूष गोयल को मोदी युग का भरत कहा जा रहा है जिन्हें बड़े भाई श्रीराम (अरुण जेटली) के लौटने का इंतजार है।