‘मोदी राज में अर्थव्यवस्था की गाड़ी के चार में से तीन पहिये हुए पंक्चर’
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार (11 जून) को देश की पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर बड़ा हमला बोला। चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत के लिए एनडीए सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। इन्हीं नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था की गाड़ी के चार में से तीन पहिए पंचर हो चुके हैं। चिदंबरम ने ये बातें प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि जीएसटी जैसे कानून को गलत तरीके से लागू करने के कारण उद्योग और व्यापार घाटे में चले गए हैं। जबकि नोटबंदी जैसे फैसलों का असर उम्मीद से ज्यादा उल्टा हुआ है। चिदंबरम का आरोप है कि समाज के विभिन्न हिस्सों में तनाव है, जिसमें किसान भी शामिल हैं। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है जबकि युवा इसलिए तनाव में हैं क्योंकि उनके पास नौकरियां नहीं है।
चिदंबरम ने आरोप लगाते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था की गाड़ी के चार में से तीन पहिए पंचर हो चुके हैं। पहला पहिया निर्यात का है। अगर पिछले चार सालों में निर्यात की बढ़त का आंकड़ा देखें तो इसमें लगातार गिरावट आई है। दूसरा पहिया निजी निवेश का है। अगर यह मरा नहीं है तो मरने की स्थिति में जरूर है। पिछले तीन सालों में स्थिर पूंजी निवेश सिर्फ 28.5 फीसदी पर अटका हुआ है। तीसरा पहिया निजी खपत का है, इसमें पिछले कुछ महीनों में ही सुधार आया है, ये इतना कम है कि इसे हम अपनी अंगुलियों पर भी गिन सकते हैं।
चिदंबरम ने कहा कि चौथा पहिया जिसमें हवा भरी हुई दिखती है वह सरकार के खर्चों का है। लेकिन यहां भी सरकार का विकल्प बेहद सीमित रह जाता है क्योंकि चालू घाटे और सकल घाटे का दबाव यहां भी सरकार पर है। चिदंबरम ने दावा किया कि बेरोजगारी की हालत अब अनियंत्रित हो चुकी है और स्कूल—कॉलेजों में छात्रों के भीतर विक्षोभ की स्थिति है क्योंकि वो जानते हैं कि ग्रेजुएट के लिए कोई नौकरी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसीलिए उनके इस खोजी आइडिए कि पकौड़े तलना भी एक रोजगार है का किसी ने संज्ञान नहीं लिया था।