मोदी सरकार की बड़ी तैयारी, देश के 10 लाख युवाओं को हर साल सैन्य प्रशिक्षण देने की योजना

देश के युवाओं में ‘अनुशासन और राष्ट्रवाद’ को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार एक बड़ी योजना बना रही है। दरअसल सरकार हर साल देश के 10 लाख युवाओं को ‘सैन्य प्रशिक्षण’ देने के प्रपोजल पर विचार कर रही है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक खबर के अनुसार, सरकार देश की जनसांख्यिकी का लाभ लेने के लिए “राष्ट्रीय युवा सशक्तिकरण योजना” या “N-YES स्कीम” के तहत कक्षा 10, कक्षा 12 या कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को इसमें शामिल करेगी। इस योजना के तहत छात्रों को सरकार एक निश्चित स्टाइपेंड भी देगी और साथ ही डिफेंस, पैरामिलिट्री और पुलिस सेवाओं में करियर बनाने के लिए यह ट्रेनिंग करना अनिवार्य होगा।
सूत्रों के अनुसार, जून के अंतिम सप्ताह में पीएमओ ने इस संबंध में एक बैठक बुलायी थी। जिसमें डिफेंस मिनिस्टरी के रिप्रजेंटेटिव्स, डिपार्टमेंट ऑफ यूथ अफेयर्स और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लोग शामिल हुए थे। बैठक के दौरान कुछ अफसरों ने N-YES योजना के तहत आरक्षण देने की बात कही, वहीं कुछ अफसरों ने मौजूदा एनसीसी और एनएसएस के ढांचे को ही मजबूत करने की बात की। बताया जा रहा है कि युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण के साथ ही सरकार वोकेशनल और आईआईटी स्किल्स, डिजास्टर मैनेजमेंट और भारतीय परंपराओं जैसे योगा, आयुर्वेद और प्रचीन भारतीय दर्शन की भी जानकारी देगी।
सरकार की योजना के अनुसार, यह सैन्य प्रशिक्षण प्रोग्राम एक साल का होगा, जिसमें खासतौर पर ग्रामीण इलाके के युवा पुरुष और महिलाओं पर फोकस किया जाएगा। इस योजना के फाइनेंस के लिए सरकार एनसीसी, स्किल डेवलेपमेंट मिनिस्टरी और मनरेगा योजना के फंड का इस्तेमाल करेगी। गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि मोदी सरकार देश के युवाओं में राष्ट्रवाद और अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए कोई योजना बना रही हो, इससे पहले बीते सरकार ऐसा प्रयास कर चुकी है। बता दें कि 21 जुलाई, 2017 में भी सरकार ने एचआरडी मिनिस्टरी के डिपार्मेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन को सलाह दी थी कि मिलिट्री स्कूलों के साथ ही सामान्य स्कूलों में बच्चों में अनुशासन, शारीरिक फिटनेस और देशभक्ति को प्रमोट किया जाए। फिलहाल सरकार इस साल देश के 7 नवोदय विद्यालयों में सैनिक स्कूल की सुविधाओं को शुरु करने के पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।