मोदी सरकार की व्हाट्सएप को चेतावनी- फेक न्यूज पर लगाम कसो वर्ना केस करेंगे
कर्नाटक के बीदर में बच्चा उठाने की अफवाह में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने की घटना के 4 दिन बाद सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी व्हाट्सएप को चेतावनी जारी की है। सरकार ने फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी को कहा है कि यदि वह सोशल मीडिया अफवाहों के खिलाफ मूकदर्शक बने रहे तो उन्हें खिलाफ कानूनी कारवाई की जा सकती है। मिनिस्टरी ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी ने व्हाट्सएप को अफवाहों की समस्या रोकने का ज्यादा प्रभावी हल निकालने का निर्देश दिया है।
केन्द्र सरकार ने अपने एक बयान में कहा है कि “जब शरारती तत्वों द्वारा अफवाह और झूठी खबरें फैलायी जाती हैं, तो ऐसे में जो माध्यम इस तरह की अफवाह के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं, वो अपनी जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व से नहीं बच सकते। यदि ये माध्यम अपनी जिम्मेदारी के प्रति मूकदर्शक बने रहेंगे तो उन्हें इसके लिए कानूनी कारवाई का सामना करना पड़ेगा।” सरकार का कहना है कि लोगों की सामान्य भावना है कि व्हाट्सएप को अफवाहों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने की जरुरत है। व्हाट्सएप पर भड़काऊ और उग्र मैसेज का पता लगाने और उनके खिलाफ कारवाई करने की जिम्मेदारी है। सरकार का आरोप है कि व्हाट्सएप अफवाहों के मामले पर जरुरी ध्यान नहीं दे रहा है। सरकार का कहना है कि यह बेहद ही गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है और इस पर ज्यादा प्रभावी तरीके से ध्यान दिए जाने की जरुरत है।
बता दें कि बीते दिनों 3 जुलाई को महाराष्ट्र के धुले में लोगों की हिंसक भीड़ ने 5 लोगों की बच्चा चोरी की अफवाह में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद केन्द्र के आईटी मंत्रालय ने व्हाट्सएप से इस संबंध में तुरंत कड़े कदम उठाने को कहा था, ताकि इस प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल ना किया जा सके। इसके बाद व्हाट्सएप ने सरकार को दिए अपने जवाब में फेक न्यूज पर लगान लगाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था। व्हाट्सएप ने इसके बाद अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए कुछ बदलाव भी किए थे। व्हाट्सएप की तरह ट्विटर ने भी बीते सप्ताह ऐलान किया था कि वह अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए जरुरी कदम उठाने जा रहा है, जिसमें लॉक्ड अकाउंट और संदिग्ध अकाउंट को बंद किए जाने जैसे उपाय शामिल हैं।