मोदी सरकार के खिलाफ किसानों का बड़ा अभियान: रोकी शहरों में सप्लाई, सड़कों पर सब्जियां-दूध
कपड़ा व्यवसायी और बैंक कर्मचारियों के बाद अब किसानों ने भी हड़ताल शुरू कर दी है। राष्ट्रीय किसान महासंघ (आरकेएम) ने 1 जून से 10 दिनों तक हड़ताल का ऐलान किया है। आरकेएम में तकरीबन 110 किसान संगठन शामिल हैं। किसानों के हड़ताल को देश के अन्य हिस्सों में भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है। किसानों के हड़ताल से फल, सब्जियों और दूध की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है, क्योंकि किसानों ने शहरों में इन वस्तुओं की आपूर्ति न करने की घोषणा की है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने बताया कि किसानों के 130 से ज्यादा संगठन उनके साथ हैं, ऐसे में हड़ताल सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि राष्ट्रव्यापी हो गया है। किसान संगठन ने विरोध-प्रदर्शन को ‘गांव बंद’ का नाम दिया है। शिव कुमार ने स्पष्ट कि किया कि पिछली बार की तरह वह लोगों की समस्याओं को बढ़ाने के लिए शहर का रुख नहीं करेंगे। वहीं, अखिल भारतीय किसान सभा ने भी प्रदर्शन की घोषणा की है। इसमें महाराष्ट्र के 10 किसान संगठन शामिल हैं। भारतीय किसान सभा के महाराष्ट्र सचिव अजीत नवाले ने बताया कि कर्ज माफी की घोषणा को लागू नहीं करने के विरोध में उनका संगठन राज्यभर के कलेक्टरों के कार्यालयों का घेराव करेगा। हालांकि, कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन ने हड़ताल में शामिल न होने की बात कही है।
भारत बंद: राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने बताया कि किसानों के विभिन्न संगठनों ने 10 जून को दोपहर बाद 2 बजे तक भारत बंद का आह्वान किया है। उन्होंने देशभर के व्यवासियों से अनुरोध किया कि 10 जून को वे लोग अपने-अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखें। बता दें कि अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान 6 मार्च को नासिक से मुंबई मार्च के लिए निकले थे। किसानों ने कर्जमाफी के साथ ही अन्य मांगों को भी पूरा करने की मांग कर रहे थे। इस प्रदर्शन का अखिल भारतीय किसान सभा ने समर्थन किया था।
किसानों का प्रदर्शन: महाराष्ट्र के किसानों के समर्थन में देश के अन्य हिस्सों में भी किसानों का हड़ताल शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के संभल में किसानों ने ‘किसान अवकाश’ के नाम से 10 दिनों का हड़ताल शुरू कर दिया है। किसानों ने कर्ज माफ करने के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को भी लागू करने की मांग कर रहे हैं। पंजाब में भी किसानों का विरोध शुरू हो गया है। फरीदकोट में किसानों ने दूध, फल और सब्जियों को बीच सड़क पर फेंक कर इन वस्तुओं की आपूर्ति ठप करने का ऐलान किया। किसानों के हड़ताल को समाप्त करने के लिए जल्द पहल न करने की स्थिति में दूध, फल और सब्जियों की किल्लत बढ़ सकती है।