मोदी सरकार को थोड़ी राहत, खुदरा महंगाई दर फरवरी में घटकर हुई 4.4 फीसदी

खाने-पीने की चीजें तथा ईंधन की लागत में कमी से खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर चार महीने के न्यूनतम स्तर 4.44 प्रतिशत पर पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में 5.07 प्रतिशत थी। हालांकि पिछले साल फरवरी में यह 3.65 प्रतिशत थी। इससे पहले, नवंबर 2017 में 4.88 प्रतिशत थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता खाद्य खंड में महंगाई दर फरवरी में कम होकर 3.26 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने में 4.7 प्रतिशत थी। सब्जियों में मुद्रास्फीति पिछले महीने कम होकर 17.57 प्रतिशत रही जो जनवरी में 26.97 प्रतिशत थी। वहीं फलों की महंगाई दर आलोच्य महीने में 4.80 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व महीने में 6.24 प्रतिशत थी।

आलोच्य महीने में दूध और उसके उत्पाद भी सस्ते हुए। इस खंड में महंगाई दर 4.21 प्रतिशत थी। अनाज और उसके उत्पाद की महंगाई दर 2.10 प्रतिशत, मांस एवं मछली 3.31 प्रतिशत जबकि अंडे में मुद्रास्फीति 8.51 प्रतिशत रही। ईंधन एवं लाइट श्रेणी में महंगाई दर फरवरी में 6.80 प्रतिशत थी जो जनवरी में 7.73 प्रतिशत थी। हालांकि परिवहन और संचार सेवाओं के लिए कीमत में वृद्धि 2.39 प्रतिशत रही जो जो जनवरी में 1.97 प्रतिशत थी।

दूसरी तरफ, विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के साथ औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर इस साल जनवरी में 7.5 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी महीने में 3.5 प्रतिशत थी। उपभोक्ता और पूंजीगत वस्तुओं की अच्छी मांग से भी औद्योगिक वृद्धि को गति मिली। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में वृद्धि दिसंबर 2017 में 7.1 प्रतिशत रही थी।

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