मोदी सरकार पर भड़का सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, लगाया दखलंदाजी का आरोप
वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति पाने वाली पहली महिला है, जिन्हें सीधे बार एसोसिएशन द्वारा चुना गया है। शुक्रवार को इंदु मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट की जज के तौर पर शपथ लेंगी। वहीं, सरकार ने दूसरे जज की नियुक्ति पर अभी भी चुप्पी साध रखी है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ और इंदु मल्होत्रा के नाम की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद काफी विवाद हुआ। विचार करने के बाद सरकार ने इंदु मल्होत्रा की नियुक्ति को स्वीकार कर लिया, लेकिन केएम जोसेफ के नाम पर सरकार अभी भी चुप है।
इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वकील विकास सिंह ने सरकार पर दखलंदाजी का आरोप लगाया है। एएनआई से बातचीत के दौरान विकास सिंह ने कहा, “एक की नियुक्ति कर दी गई और दूसरे की नियुक्ति न करके सरकार ने न्यायपालिका के कामकाज में दखलंदाजी की है। यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और इसे सरकार के सामने बहुत ही दृढ़ता से उठाया जाना चाहिए।” वहीं, इंदु मल्होत्रा के बारे में बात करते हुए विकास सिंह ने कहा, “इंदु मल्होत्रा बहुत अच्छी वकील हैं और वे एक बेहतर जज साबित होंगी। मुझे सरकार के दृष्टिकोण पर बड़ा संदेह है, क्योंकि ऐसा कोई कारण नहीं है जिसके चलते जस्टिस केएम जोसेफ के नाम को मंजूरी देने में समस्या हो।”
Indu Malhotra is a fine lawyer & she will prove to be a great judge. I have huge reservation at the attitude of the government, there is no way by which they should not have cleared Justice KM Joseph’s name: Advocate Vikas Singh, President, Supreme Court Bar Association pic.twitter.com/Ob7ft76Svr
— ANI (@ANI) April 26, 2018
बता दें कि पांच जजों के कोलेजियम ने इंदु मल्होत्रा और जस्टिस केएम जोसेफ के नाम का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। इस कोलेजियम का नेतृत्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा द्वारा किया गया था। केएम जोसेफ ने साल 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने के केंद्र सरकार के आदेश को गिरा दिया था। इसके बाद से ही आंध्र प्रदेश में जस्टिस केएम जोसेफ के ट्रांसफर के लिए कोलेजियम की सिफारिश और फिर सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार ने अवरोध उत्पन्न कर दिया है।