यशवंत सिन्हा ने पीएम नरेंद्र मोदी को दिया जवाब- भीष्म हूं, अर्थव्यवस्था का चीरहरण नहीं होने दूंगा
पूर्व वित्तमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार (4 अक्टूबर) को दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दी है। मोदी ने मोदी ने बुधवार को पहली बार अर्थव्यवस्था में सुस्ती की बात स्वीकार की, लेकिन उन्होंने आलोचकों से कहा कि वे नकारात्मकता न फैलाएं और साथ ही उन्होंने अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने का वादा किया। उन्होंने आलोचकों की तुलना महाभारत के शल्य से की, जो कर्ण का सारथी था। वह हमेशा राजा को हतोत्साहित करता रहता था। मोदी ने कहा कि ऐसे लोगों को पहचानने की जरूरत है। इस पर यशवंत सिन्हा ने जवाब दिया है कि ”मैं शल्य नहीं, भीष्म हूं। भीष्म तो नहीं बोले थे मगर मैं बोलूंगा और अर्थव्यवस्था का चीरहरण नहीं होने दूंगा।” सिन्हा ने कहा, ”महाभारत में हर तरह के चरित्र हैं, शल्य भी उनमें से एक है। शल्य कौरवों की ओर किस तरह शामिल हुए, कहानी सबको पता है। दुर्योधन ने उनको ठग लिया था। शल्य, नकुल और सहदेव के मामा थे। वे तो पांडवों की तरफ से लड़ना चाहते थे मगर ठगी के शिकार हुए। महाभारत में ही एक और चरित्र है भीष्म पितामह। भीष्म पर आरोप है कि जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था तो वे खामोश रह गए। अब अगर अर्थव्यवस्था का चीरहरण होगा तो मैं बोलूंगा।”
सिन्हा यही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे अंदाजा नहीं था कि जवाब देने के लिए खुद प्रधानमंत्री आगे आ जाएंगे। आकंड़ों का खेल खतरनाक होता है, आप कुछ साबित करेंगे, मैं दूसरे आंकड़े से दूसरी बात साबित कर दूंगा। जमीनी हकीकत की ओर देखिए।”
मोदी ने कहा था, “पिछले तीन सालों में 7.5 प्रतिशत विकास दर के बाद गिरावट आई है। मैं इससे इंकार नहीं कर रहा। सरकार अर्थव्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है। हम निर्णय लेने के लिए तैयार हैं। हमने कई सारे कदम उठाए हैं। वित्तीय स्थिरता बनाए रखी जाएगी। हम निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।”
मोदी ने यह बात ऐसे समय में कही थी, जब यशवंत सिन्हा और विपक्षी दलों ने आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी को लेकर तीखा हमला बोला है, जिसके बाद अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर बहस शुरू हो गई है।
मोदी ने कहा कि उनकी “सरकार संवेदनशील है और कड़ी आलोचना का भी स्वागत करती है और हम उन सभी को विनम्रता और गंभीरता से लेते हैं। मैं सभी को, अपने आलोचकों को भी, आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम ऐसा नहीं मानते कि सबकुछ गलत है। लेकिन नकारात्मकता फैलाने से बचना चाहिए।”