यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि का ट्विटर अकाउंट हैक, लगाया गया पाकिस्तान का झंडा
यूनाइटेड नेशंस में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन का ट्विटर अकाउंट शनिवार (13 जनवरी) को हैक कर लिया गया। उनके अकाउंट पर तुर्की भाषा में मैसेज के साथ पाकिस्तान का झंडा और राष्ट्रपति ममनून हुसैन की तस्वीरें लगाई गईं। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक अकबरुद्दीन के ट्विटर अकाउंट पर दिखने वाला ब्लू टिक भी गायब कर दिया गया था। हैकिंग के तरीके से पाकिस्तानी आतंकवादियों पर शक गहरा रहा है। करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद अकाउंट रीस्टोर किया जा सका। अकाउंट रीस्टोर होने के बाद अकबरुद्दीन ने ट्वीट कर बताया कि आई एम बैक (मैं वापस आ गया हूं।) अकबरुद्दीन ने आगे लिखा- मुझे रोकने के लिए मेरा ट्विटर अकाउंट हैक करना काफी नहीं होगा। ट्विटर इंडिया और जिन लोगों ने मेरी मदद की उनको शुक्रिया।
पाकिस्तानी आतंकियों के निशाने पर अक्सर भारत सरकार के अधिकारी साइबर हमलों के लिए निशाने पर रहते हैं। गृह मंत्रालय संसद में बता चुका है कि 2016 में 199 सरकारी वेबसाइटें हैक की गई थीं। वहीं, वर्ष 2013 से 2016 के बीच सरकार के अंतर्गत आने वाली 700 वेबसाइटें हैकिंग का शिकार हो चुकी हैं। भारत के विशेष सुरक्षा बलों में से एक और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाली यूनिट नेशनल सिक्यॉरिटी गार्ड (एनएसजी) की वेबसाइट को भी पिछले वर्ष हैक किया गया था। हालांकि तुरंत ही कम्प्यूटकर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने मामला सुझला लिया था। जैसे-जैसे दुनिया तकीनीकि तौर पर सक्षम होती जा रही है, राष्ट्रीय सुरक्षा को भंग करने के लिए साइबर हमलों की रणनीति भी तेज होती जा रही है।
शनिवार को सेना प्रमुख बिपिन रावत ने भी साइबर हमलों पर ध्यान देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि भारतीय सुरक्षा बल इस ओर काम कर रहे हैं। साइबर युद्ध से भारत ही नहीं दुनिया भर के देश जूझ रहे हैं। हालांकि साइबर हमले के दोषियों को दबोचना टेढ़ी खीर बना हुआ है। ज्यादातर मामलों में सोर्स के रूप में रूस सामने आया है।
सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) के अनुमान के मुताबिक पिछले वर्ष देश की वित्तीय प्रणाली को अपंग करने की कोशिश में 300 से ज्यादा यूक्रेन की कंपनियों को हैकर्स ने निशाना बनाने की कोशिश की थी। इसके पीछे रूसी हैकरों के हाथ होने का अनुमान लगाया गया था। चेक गणराज्य के वरिष्ठ राजनयिकों के दर्जनों ईमेल हैक कर लिए गए थे और उसका शक भी रूस पर गया था। एक साइबर सिक्यॉरिटी फर्म ने बताया कि हाल ही में रूसी हैकरों ने यूनाइटेड स्टेट्स सीनेट के सिस्टम के आंतरिक ईमेल हैक करने के लिए खाका तैयार कर लिया था।