यूपीए से तेज, मगर पीएम नरेंद्र मोदी के लाल किले से दावे जितनी भी नहीं है रेलवे ट्रै‍क बिछाने की रफ्तार

एनडीए सरकार के शुरुआती तीन सालों में भारतीय रेलवे ने ट्रेक बिछाने (नए ट्रेक बिछाने का काम भी शामिल), लाइनों का दोहरीकरण और अन्य काम पिछली यूपीए सरकार के शुरुआती तीन सालों से काफी तेज किया है। अगर आंकड़ों की बात करें तो पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार में 11.5 फीसदी की तेजी से रेलवे से जुड़े कार्य किए गए हैं। एक आरटीआई के जरिए जानकारी के अनुसार एनडीए शासन में साल 2014-17 के बीच 7,666 किमी रेलवे लाइन बिछाई गईं जो यूपीए शासन 2009-12 से 794 किमी ज्यादा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के दिन लालकिले की प्राचीर से कहा था कि उनके शासन में रेलवे डबल स्पीड से काम कर रहा है। हालांकि रेल मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों कि माने तो ये पीएम मोदी के भाषण से मेल नहीं खाता। क्योंकि यूपीए-2 के पहले साल में रेलवे ने टारगेट से 27 फीसदी ज्यादा काम किया था। इससे उत्साहित यूपीए-2 में दूसरे साल सरकार ने टारगेट 31 फीसदी बढ़ाकर 2301 किमी का रखा था। तब सरकार ने इसे पूरा करते हुए 2315 किमी की लाइन बिछाई। हालांकि बाद में रेल मंत्रालय अपना टारगेट कम करता चला गया। साल 2011-12 की तुलना में रेल मंत्रालय ने अपना टारगेट कम करते हुए 2275 किमी तक सीमित कर दिया जबकि 2013-14 में इसे 1525 किमी तक कर दिया।

वहीं मोदी सरकार के शुरुआती तीन सालों की बात करें तो 2014-15 में एनडीए सरकार ने 1450 किमी का टारगेट रखा। जबकि रेल मंत्रालय ने 1983 किमी का ट्रेक बिछाकर रिकॉर्ड बनाया। 2015-16 में 25 किमी का टारगेट रखा गया, जिसे भी पूरा करते हुए रेलवे ने 2828 किमी ट्रेक बिछाने का रिकॉर्ड बनाया। साल 2016-17 में 2800 किमी का टारगेट रखा गया था। इस दौरान रेलमंत्रालय ने 2855 किमी ट्रेक बिछाया। दूसरी तरफ अगर साल 2017-18 के टारगेट की बात करें तो रेल मंत्रालय ने इस बार 3100 किमी ट्रेक बिछाने टारगेट रखा है लेकिन 17 अगस्त तक महज 716.75 किमी तक ही ट्रेक बिछाए जा सके हैं। रिपोर्ट के अनुसार ट्रेक बिछाने का कार्य इस साल शुरुआती चार महीने में 23 फीसदी की गति से ही हो सका है।

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