यूपी उपचुनाव में हार पर बोले राजनाथ सिंह- ऐसा भी हो सकता है, पता नहीं था, आगे ऐसा नहीं होगा
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश लोकसभा उपचुनावों में अपनी हार से भाजपा ने सबक सीखा है और यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगी कि आगे इस तरह का परिणाम नहीं आए। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने न्यूज 18 राइजिंग इंडिया शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘हो गया, आगे नहीं होगा। हमें पता चला कि ऐसा भी हो सकता है।’’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा खाली की गई लोकसभा सीट क्रमश: गोरखपुर और फूलपुर पर हाल में हुए उप चुनाव में भाजपा को समाजवादी पार्टी से हार का सामना करना पड़ा । आदित्यनाथ ने कहा था कि ये परिणाम ‘‘सबक’’ है। उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन को समझने में विफल रहने और अति आत्मविश्वास को इसके लिए जिम्मेदार बताया।
राहुल गांधी के बारे में पूछने पर गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा सरकार पर हमला करने के बावजूद ‘‘केवल समय ही बताएगा कि किसके खिलाफ भारत उठ खड़ा हुआ है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘वह हमारे विपक्ष के नेता हैं और वह बातें कहते रहेंगे। लेकिन केवल समय ही बताएगा कि देश किसके खिलाफ खड़ा हो रहा है।’’ यह पूछने पर कि अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो क्या करेंगे, इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि वह अति महत्वाकांक्षी व्यक्ति नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अति महत्वाकांक्षी नहीं हूं। लेकिन अगर किसी को अवसर दिया जाता है तो उसे पूरा करना चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री काफी सराहनीय काम कर रहे हैं।’’
एक अन्य सवाल के जवाब में आतंकवादी सरगना हाफिज सईद को राजनीतिक वैधता देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की अखंडता को बरकरार रखने के लिए सुरक्षा बल जरूरत पड़ने पर नियंत्रण रेखा पार कर सकते हैं। जम्मू- कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान चाहती है और इसकी तरफ से नियुक्त वार्ताकार बातचीत करने के इच्छुक किसी भी पक्ष से वार्ता को तैयार हैं।
शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘ हम न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं बल्कि देश की रक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर सीमा भी लांघ सकते हैं।’’ भारतीय सेना ने सितम्बर 2016 में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लांच पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक किए थे और जम्मू- कश्मीर में आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए उन्हें काफी क्षति पहुंचाई थी। गृह मंत्री ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंध रखना चाहता है लेकिन पाकिस्तान इसके लिए इच्छुक नहीं है, बल्कि लश्कर ए तैयबा के संस्थापक और 26/11 हमले के सरगना हाफिज सईद को‘‘ राजनीतिक वैधता’’ दे रहा है।
बहरहाल गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने में सफलता पाई है। उन्होंने कहा कि पहले कोई भी पाकिस्तान के आतंकवाद की बात नहीं करता था लेकिन अब अमेरिका भी पाकिस्तान की निंदा करता है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को कश्मीर मुद्दे पर वार्ताकार नियुक्त करने का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि जो भी वार्ता के लिए इच्छुक है, वार्ताकार उससे बातचीत करेंगे।