यूपी: डीएम ने लिखा- मुस्लिम मोहल्लों में जबरन जुलूस ले जाओ, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ, ये रिवाज बन गया है
गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुए साम्प्रदायिक दंगे पर बरेली के जिलाधिकारी राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने लिखा है कि आज समाज में इस तरह के बेवजह विवाद खड़े करने का रिवाज बन चुका है। उन्होंने सोशल मीडिया फेसबुक पर लिखा, “अजब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मौहल्लों में ज़बरदस्ती जलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई वे पकिस्तानी हैं क्या ? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था. फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए …” बता दें कि कासगंज में 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों में विवाद हुआ, उसके बाद साम्प्रदायिक हिंसा हुई। धीरे-धीरे पूरा कासगंज सुलग उठा। हालांकि, अब वहां हालात नियंत्रण में है।
जिस फेसबुक अकाउंट से यह लिखा गया है, उसके प्रोफाइल में आर विक्रम सिंह के परिचय के रूप में लिखा गया है कि उन्होंने सेना में भी नौकरी की है। सेना की शॉर्ट सर्विस कमीशन के दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर, रांची और हैदराबाद में अपनी सेवाएं दी हैं। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश कैडर में सिविल सर्विस में योगदान दिया। आर विक्रम सिंह बहराइच के रहने वाले हैं और गोरखपुर यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एमए हैं।
आर विक्रम सिंह के पोस्ट पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी है। दुर्बेश शर्मा नाम के यूजर ने लिखा है, “सर मैं आपकी बात से सहमत हूँ लेकिन मुहर्रम का जुलूस भी हिन्दू मोहल्लों से नहीं गुजरना चाहिए, और कासगंज मैं कोई धार्मिक जुलूस नहीं था आजादी का celebration था.” वहीं पं. मोहित दीक्षित नाम के यूजर ने लिखा है, “ये जय हिन्द की प्रथमिकता वाले देश में पकिस्तान मुर्दाबाद सर्वोपरी क्यों होता जा रहा है सर्वप्रथम अवलोकन का विषय है जिनको चन्दन की मौत का दर्द होगा उसको ऐसी तिरंगा यात्रा पर सदैव खेद होगा. जय हिन्द वन्दे मातरम्.” एक अन्य यूजर ने भी लिखा है, “मुस्लिम मोहल्ले में जाकर पाकिस्तान मुर्दाबाद कहने से भारतीय मुसलमान भाइयों को क्या दिक्कत हो सकती है उन्हें तो साथ में मिलकर पाकिस्तान मुर्दाबाद कहना चाहिए।”