यूपी निकाय चुनाव: शहरों को छोड़ सब जगह बीजेपी दूसरे नंबर पर, जीत का प्रतिशत 25 से भी कम
लालमानी वर्मा
भले ही बीजेपी महापौर की 16 सीटों में से 14 जीत गई हो, लेकिन नगर पंचायत और नगर पालिका परिषदों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने ज्यादा सीटें जीती हैं। 652 स्थानीय निकाय संस्थाओं पर हुए चुनावों में बीजेपी ने 30.8 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में 20.4 वोट आए हैं। नगर पंचायत की 5,433 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने 3,875 सीटें जीती हैं यानी कुल सीटों का 71.31 प्रतिशत। वहीं बीजेपी ने सिर्फ 664 सीटें जीती हैं और उसकी जीत का प्रतिशत 12.22 रहा । इसके बाद समाजवादी पार्टी का नंबर है, जिसने 453 सीटों पर कब्जा किया और उसका जीत प्रतिशत 8.34 रहा। बीएसपी ने 218 (4.01 प्रतिशत) और कांग्रेस ने 126 सीटें जीतीं।
नगर पंचायत अध्यक्ष की 438 सीटों में से निर्दलीयों ने 182 सीटें (41.55 प्रतिशत) जबकि बीजेपी ने 100 (22.83 प्रतिशत) अपने खाते में दर्ज कीं। समाजवादी पार्टी को 83, बीएसपी को 45 और कांग्रेस को 17 सीटें नसीब हुईं। अन्य पार्टियों के मुकाबले नगर पालिका परिषदों में निर्दलीयों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। अगर बात नगर पालिका परिषदों के 5,260 वॉर्ड्स की करें तो निर्दलीयों ने 3,380 (64.25 प्रतिशत) सीटों पर जीत हासिल की। दूसरी ओर बीजेपी ने सिर्फ 922 वॉर्ड्स (17.53 प्रतिशत) पर फतह पाई है। वहीं सपा को 477 वॉर्ड्स, बीएसपी को 262 और कांग्रेस को 158 सीटों पर जीत मिली है।
नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष की 198 सीटों पर बीजेपी ने 70 और सपा ने 45 सीटों पर जीत दर्ज की। लेकिन यहां निर्दलीय उम्मीदवारों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 43 सीटों पर बाजी मारी। इसके बाद बसपा और कांग्रेस का नंबर रहा। वहीं म्युनिसिपल कॉरपोरेटरों की 1,299 सीटों पर बीजेपी ने सबसे ज्यादा 596 सीटें जीतीं, लेकिन इसके बाद किसी भी पार्टी के मुकाबले निर्दलीय उम्मीदवार 224 सीटें जीतने में कामयाब रहे। यूपी बीजेपी के प्रवक्ता चंद्र मोहन से जब निर्दलीय उम्मीदवारों के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने कई सीटों पर उम्मीदवार खड़े ही नहीं किए थे। उन्होंने कहा, जो भी पार्टियां मैदान में थीं, उनमें बीजेपी ने सबसे ज्यादा अंतर से जीत हासिल की। वहीं सपा के राज्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि आंकड़े छिपाकर बीजेपी राजनीति कर रही है। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत चुनावों में उसे बुरी तरह हार मिली है। निर्दलीयों ने सपा उम्मीदवारों से बेहतर प्रदर्शन किया है। यह सही है, लेकिन बड़ी बात है कि बीजेपी बुरी तरह हारी है।