यूपी: भाजपा विधायक के प्रतिनिधि के बेटे पर छेड़छाड़ का आरोप, पीड़‍िता का आरोप- नहीं सुन रही पुलिसयूपी: भाजपा विधायक के प्रतिनिधि के बेटे पर छेड़छाड़ का आरोप, पीड़‍िता का आरोप- नहीं सुन रही पुलिस

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में नरैनी क्षेत्र के भाजपा विधायक के प्रतिनिधि के बेटे पर छेड़छाड़ और धमकाने का आरोप लगा है। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस विधायक के दबाव में आकर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। नरैनी कस्बे की एक महिला ने आरोप लगाया कि नरैनी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राजकरन कबीर के प्रतिनिधि नंदकिशोर ब्रह्मचारी के बेटे ने उसकी बेटियों से छेड़खानी की और शिकायत करने पर विधायक के प्रतिनिधि ने महिला पर जानलेवा हमला करने की धमकी दी।

महिला की शिकायत पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली प्रभारी को फौरन कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। गुरुवार को पीड़ित महिला ने ‘आईएएनएस’ को फोन पर बताया, “विधायक और उनके प्रतिनिधि शिकायत वापस न लेने पर पूरे परिवार को नष्ट कर देने की धमकी दी है।” उसने आरोप लगाया कि ‘सत्तापक्ष के विधायक से जुड़ा मामला होने की वजह से पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही, उल्टे सुलह का दबाव बना रही है।”

इस बीच नारी इंसाफ सेना की अध्यक्ष वर्षा भारतीय ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में अभियोग दर्ज कर विधायक प्रतिनिधि और उसके बेटे की 48 घंटे के भीतर गिरफ्तारी न हुई तो उनका संगठन सैकड़ों महिलाओं के साथ विधायक के घर का घेराव करेगा। वह गिरफ्तारी न होने तक घर का घेराव किए रहेंगी। इस बावत नरैनी कोतवाल आनंद कुमार सिंह का कहना है कि महिला की शिकायत पर जांच की जा रही है, जांच के बाद ही अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत मंगलवार को अपने छह महीने के कामकाज का ब्यौरा देते हुए पिछली सरकारों पर जमकर पलटवार किया था। उन्होंने कहा कि उप्र में छह महीने पहले जब उन्हें सत्ता मिली थी, तब सूबे से जंगलराज और अराजकता दूर करना उनकी पहली प्राथमिकता थी। उन्होंने प्रदेश को अब सुरक्षा का माहौल दिया है। आदित्यनाथ ने कहा था, “सत्ता में आते ही हमारे लिए सबसे पहला काम था, यूपी से जंगलराज को खत्म करना, हमारे मंत्रियों के कठोर परिश्रम से यूपी से अपराध का खात्मा हो रहा है।” हांलाकि उपरोक्त घटनाएं साबित करती हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए अभी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।

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