यूपी में बनेगा रक्षा उद्योग कॉरिडोर: प्रधानमंत्री
देश में इस वर्ष दो रक्षा उद्योग कॉरिडोर बनाए जाएंगे। इनमें से एक उत्तर प्रदेश में बनेगा। बुंदेलखंड के विकास में यह कॉरीडोर अहम किरदार अदा करेगा। इस गलियारे में झांसी, चित्रकूट, लखनऊ, आगरा और अलीगढ़ क्षेत्र आएंगे। इसके निर्माण पर बीस हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस कॉरिडोर के बनने के बाद ढाई लाख रोजगार सृजित होंगे। उत्तर प्रदेश में बुधवार से शुरू निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन में देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति शिरकत कर रहे हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक एक हजार 45 एमओयू पर हस्तााक्षर किए जा चुके हैं। इनसे चार लाख 28 हजार करोड़ रुपए का निवेश उत्तर प्रदेश में आएगा।
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय निवेशक सम्मेलन का आगाज करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, जब परिवर्तन होता है तो वह दिखने लगता है। उत्तर प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में निवेशकों का जमा होना बड़ा परिवर्तन है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कैबिनेट के सभी सदस्यों के साथ प्रदेश के नौकरशाहों और जनता को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा, हम इतने कम समय में उत्तर प्रदेश को समृद्ध विकास के पथ पर ले जाने में कामयाब हुए हैं। उत्तर प्रदेश में पहले क्या हालात थे? यह प्रदेश की जनता से बेहतर कोई नहीं जानता। पहले प्रदेश के हालात ऐसे थे जिसमें जब प्रदेश के नागरिकों का जीना मुहाल हो तो निवेशक कहां से आएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले हर तरफ नकारात्मकता का माहौल था। इस माहौल को सकारात्मकता की तरफ ले जाने का कार्य योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार ने किया है। योगी सरकार ने बुनियाद तैयार कर दी है। इस बुनियाद पर अब नए उत्तर प्रदेश का निर्माण होगा। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले के अपने उद्योग का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, उत्तर प्रदेश के हर जिले का अपना एक कुटीर व लघु उद्योग है।
लखनऊ की चिकन कारीगरी, मलिहाबाद का दशहरी आम, फिरोजाबाद के कांच के सामान, भदोही की कालीन, बनारस की जरदोजी और साड़ियां, मुरादाबाद का पीतल और आगरा का पेठा अपनी पहचान पहले ही बना चुका है। इसी उत्तर प्रदेश में सुबहे-बनारस है तो शामे-अवध भी है। यहां ताजमहल और सारनाथ हैं तो अयोध्या, मथुरा और काशी भी हैं। पर्यटन के लिजाज से उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। यहां आइआइएम लखनऊ जैसी शिक्षण संस्थाएं हैं तो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भी है। अपनी इन्हीं शक्तियों की वजह से यह प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन है। उन्होंने कहा कि बिना उत्तर प्रदेश का विकास हुए देश का विकास संभव नहीं।
निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को पिछड़े राज्य की सूची से बाहर निकालना है। हमें उत्तर प्रदेश को खुशहाल प्रदेश बनाना है। सुदृढ़ कानून व्यवस्था, अच्छी सड़कें और निर्बाद्ध विद्युत आपूर्ति देना हमारा लक्ष्य है। बीते 11 महीनों के दरम्यान सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज स्थापित करने में अहम पहल की है। उन्होंने कहा कि देश के चयनित 90 स्मार्ट शहरों में से दस उत्तर प्रदेश से हैं। हमारा लक्ष्य उत्तर प्रदेश में अगले तीन सालों में चालीस लाख लोगों को रोजगार प्रदान करना है।
पारंपरिक उद्योगों के संरक्षण के लिए सरकार ने एक जिला एक उत्पाद योजना लागू की है। इस योजना के तहत हम आसान ऋण उपलब्ध कराएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखड एक्सप्रेस वे को औद्योगिक कॉरीडोर से जोड़कर हम इन इलाकों का चहुंमुखी विकास करेंगे। अगले वर्ष तक डेढ़ करोड़ घरों को निशुल्क विद्युत समायोजन से जोड़ा जायेगा। उत्तर प्रदेश में पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं। हमने इसी को ध्यान में रखकर नई पर्यटन नीति तैयार की है। सम्मेलन को मुकेश अंबानी, अडानी ग्रुप के गौतम अडानी समेत देश के नामी उद्योगपतियों ने संबोधित किया। उन्होंने समवेत स्वर में कहा कि प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।