यूपी में भ्रष्टाचार के शिकायतकर्ता के यूटर्न पर मनीष सिसोदिया का तंज: एक दिन और थाने में बिठा लेते तो केजरीवाल का नाम ले लेता
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव शशि प्रकाश गोयल के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाला शिकायतकर्ता कारोबारी अपनी बात से मुकर गया है। अभिषेक गुप्ता नाम के कारोबारी ने लिखित में माफीनामा देते हुए प्रकाश पर लगाए गए आरोप वापस ले लिए हैं। अभिषेक द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद राजनीतिक जगत में काफी हलचल मच गई है। वरिष्ठ पत्रकार और फिल्ममेकर विनोद कापरी ने ट्वीट कर अभिषेक गुप्ता का बचाव करते हुए जहां यूपी पुलिस को घेरा है तो वहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी पुलिस और बीजेपी पर तंज कसा है।
कापरी ने ट्वीट कर यूपी पुलिस के ऊपर शिकायतकर्ता युवा कारोबारी को बरगलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘जब आप एक 22-23 साल के लड़के को, वो भी एक व्यापारी को, उसकी शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय थाने में पूरे दिन बैठा लेंगे, समझा देंगे कि मुकदमा तुम्हारे खिलाफ ही हो जाएगा बेटा। बिजनेस तो ठप होगा ही, जेल अलग जाओगे तो वो व्यापारी अपने बयान में यही कहेगा कि हां मैं गलत आरोप लगा रहा था।’ कापरी के इस ट्वीट पर सिसोदिया ने भी पुलिस पर तंज कसा और कहा कि अगर एक दिन और अभिषेक को जेल में रखा जाता तो वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का भी नाम ले लेता। उन्होंने कहा, ‘वैसे एक दिन और थाने में बिठा लेते… बेचारा अपने बयान में केजरीवाल का नाम ले लेता।’
बता दें कि अभिषेक गुप्ता ने 18 मई को राज्यपाल राम नाईक को ई-मेल भेजकर शशि प्रकाश गोयल के ऊपर पेट्रोल पंप की जमीन के बदले 25 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। गुप्ता के इस आरोप के बाद राज्यपाल ने सीएम योगी को 30 अप्रैल को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। अभिषेक के आरोपों पर नाराज बीजेपी ने उसके खिलाफ ही पुलिस में शिकायत कर दी थी, जिसके बाद पुलिस ने शुक्रवार (8 जून) को अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने दिनभर अभिषेक को थाने में रखा था। देर शाम अभिषेक ने सचिव पर लगे आरोप वापस ले लिए और लिखित में माफीनामा भी दे दिया। यह माफीनामा उसके नाना ओम प्रकाश गुप्ता की ओर से दिया गया। इसमें ओम प्रकाश ने अभिषेक की मानसिक स्थिति ठीक न होने की बात लिखी। एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने कहा, ‘हमने केस दर्ज किया था। हमने अभिषेक से पूछताछ भी की और उसने बताया कि उसने 1 करोड़ रुपए का लोन लिया था बैंक से ताकि पेट्रोल पंप खोल सके। वह मानसिक तौर पर मजबूत नहीं है। उसने उलझन में बीजेपी नेता का नाम ले लिया ताकि बैंक अधिकारियों को प्रभावित कर सके।’