ये हैं आप के तीन उम्मीदवार: दो बार में मैट्रिक पास करने वाले, पूर्व कांग्रेसी और पार्टी के सीए

आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की तीन राज्य सभा सीटों पर उम्मीदवार का एलान कर दिया है। आप की राजनीतिक मामलों की समिति के प्रमुख संजय सिंह के अलावा दिल्ली के व्यवसायी और पूर्व कांग्रेसी सुशील गुप्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन नारायण दास गुप्ता को उम्मीदवार बनाया गया है। इनका चुना जाना लगभग तय है। 16 जनवरी को चुनाव होने हैं। नतीजे भी उसी दिन आएंगे। इन तीनों को उम्मीदवार बनाए जाने पर पार्टी के अंदर और बाहर घमासाम मचा हुआ है।

पार्टी ने इन तीनों का चयन करने से पहले 18 नामी-गिरामी लोगों से संपर्क किया था लेकिन सभी ने मना कर दिया था। अब जान लेते हैं आप के तीन उम्मीदवारों के बारे में-

संजय सिंह: आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य और वरिष्ठ नेता हैं। उत्तर प्रदेश के प्रभारी हैं और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के प्रमुख भी हैं। पार्टी के तीन चुनावों में प्रचार प्रभारी भी रह चुके हैं लेकिन कभी चुनाव नहीं लड़ा। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं। शिक्षक परिवार से आते हैं मगर मैट्रिक की परीक्षा फेल करने के बाद इन्होंने दोबारा दसवीं की परीक्षा दी। बाद में इन्होंने काफी मुश्किलों में माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। डिप्लोमा करने के बाद इन्होंने नौकरी नहीं की बल्कि एक एनजीओ बनाकर गरीबों के लिए काम करना शुरू कर दिया। 1994 में इन्होंने ‘सुल्तानपुर समाज सेवा संगठन’ नाम की संस्था बनाई। फिर अलग-अलग संगठनों से जुड़कर इन्होंने कई काम किए। साल 2006 में आरटीआई एक्टिविस्ट के तौर पर अरविंद केजरीवाल से जुड़ गए। बाद में 2008 के स्वराज अभियान में भी उन्होंने केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, स्वाति मालीवाल के साथ बढ़-चढ़कर काम किया।

नवीन नारायण दास गुप्ता: नवीन एनडी गुप्ता पार्टी के चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। जीएसटी और आर्थिक मामलों के जानकार बताए जाते हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट के अध्यक्ष रह चुके हैं। फिलहाल, नेशनल पेंशन फंड स्कीम और पेंशन डेवलपमेंट रेगुलेटरी अथॉरीटी के टस्ट्री हैं। गुप्ता ने भारत सरकार के कई आर्थिक कामकाज में सहयोग किया है। इकॉनोमिक अफेयर से जुड़ी कई संस्थाओं, बोर्ड, कमीशन से एनडी गुप्ता जुड़े हैं।

सुशील गुप्ता: सुशील गुप्ता पूर्व कांग्रेसी हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवसाय से जुड़े हैं। हालांकि, सुशील गुप्ता और उनकी पत्नी दोनों ही कृषि वैज्ञानिक हैं। 52 साल के गुप्ता मूल रूप से दिल्ली के ही निवासी हैं। दिल्ली और हरियाणा में इनके 14 स्कूल हैं। गुप्ता हरियाणा में 15,000 बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का दावा करते रहे हैं। गुप्ता कई हॉस्पिटल भी चलाते हैं।

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