ये 10 बातें लागू हों तो सांसदों की बढ़ेगी जवाबदेही, बीजेपी नेता ने पत्र लिख दिए सुझाव

देश के सांसदों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने राज्यसभा सभापति और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। उनसे दस बातों पर अमल करने की मांग की है।  ताकि  जनता जान सके कि उनके सांसद ने कितने प्राइवेट बिल पेश किए, कितनी बहसों में भाग लिया और सदन में कितनी हाजिरी लगाई और कितने सवाल पूछे। कहा है कि इससे सांसदों पर दबाव बढ़ेगा और वे अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कहीं ज्यादा संजीदा होंगे।

जनसत्ता डॉट काम से बातचीत में अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि एक संसद सदस्य को मिलने वाली तमाम सुविधाओँ पर हर साल कम से एक करोड़ रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में जनता को भी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड देखने का हक है। लिहाजा दोनों सदनों की वेबसाइट पर सांसदों की उपस्थिति, बहस आदि से जुड़ी सूचनाएं वेबसाइट पर उपलब्ध होनी जरूरी हैं। अभी तक ये सूचनाएं एनजीओ या फिर आरटीआई के जरिए ही मिल पा रहीं हैं।

पत्र में अश्विनी उपाध्याय ने कहा है कि देखने में आता है कि बनने के कुछ ही समय के भीतर कई नए कानूनों में संशोधन करने की जरूरत महसूस होती है। कई बार जनहित याचिकाओं पर कोर्ट को भी इसमें दखल देना पड़ता है। इससे जाहिर होता है कि या तो बिल ठीक से ड्राफ्ट नहीं हो रहे हैं या फिर उस पर सदन में समुचित बहस और दोनों पक्षों से रूबरू हुए बिना पारित कर दिया जा रहा। कानून के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर पूरी तरह चर्चा न होने से आधा-अधूरा ड्राफ्ट कानून की शक्ल ले लेता है।

यही वजह है कि बाद में तमाम कानूनों में संशोधन की जरूर पड़ती है। अगर सांसद पूरे मनोयोग से सभी बिलों पर चर्चा के दौरान उपस्थित रहें और उस पर बहस करें तो बिना किसी खामी के कानून बनेंगे। उन्होंने कहा कि यह विडंबना की बात है कि देश में आज भी 1860 का इंडियन पेनल कोड, 1861 का पुलिस एक्ट और 1872 का इंडियन एविडेंस एक्ट आज भी चला आ रहा है।

क्या हैं दस फार्मूलाः बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने लोकसभा और राज्यसभा की वेबसाइट पर सांसदों से जुड़ी 10 जानकारियां उपलब्ध कराने की मांग की है। ये मांगे हैं-1-प्रत्येक सांसद की डेली अटेंडेंस का ब्योरा। 2-नए बिल्स पर बहस के दौरान सांसद ने कितना समय बिताया। 3-सांसदों की ओर से कितने अमेंड मेंट्स को लेकर प्रयास हुए, 4-कितने प्राइवेट मेंबर बिल लाए गए। 5-कितनी स्टैंडिंग कमेंटी के सांसद मेंबर हैं 6-स्टैंडिंग कमेटी को सांसद ने कितना समय दिया 7-स्टैंडिंग कमेटी को सांसद ने क्या और कितने सुझाव दिए 8-प्रश्नकाल में सांसद ने कितने सवाल पूछे 9-सांसद ने कितने आदर्श गांव विकसित किए।10- सांसद निधि के तहत सांसद ने कितनी धनराशि क्षेत्र के विकास में खर्च की।

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