ये 6 वजहें बताती हैं कि जिम में वर्कआउट से काफी बेहतर है योग करना
बहुत समय से यह सवाल लोगों के मन में है कि योगा और जिम में वर्कआउट में क्या बेहतर है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए योगा किया जाए या जिम जाया जाए। जब हम वर्कआउट और योगा के फायदों के बारे में विश्लेषण करते हैं तो पता लगता है कि योगा करना जिम जाने से कई गुना बेहतर है। चलिए जानते हैं कि वे कौन से कारण हैं जो योगा को जिम जाने से बेहतर बनाते हैं।
सांसों और शरीर का व्यायाम है योगा – जिम में किया गया वर्कआउट केवल आपके शरीर को सुगठित बना सकता है लेकिन योगा करने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। योगा करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है तथा आपकी त्वचा की रंगत भी सुधरती है।
योगा आंतरिक अंगों को भी दुरुस्त रखता है – जिम में वर्कआउट करना मांसपेशियों को मजबूत बनाने तक ही सीमित है। योगा के विभिन्न आसन शरीर के आंतरिक अंगों मसलन- पाचन तंत्र, संचार तंत्र, लसीका तंत्र आदि ते लिए बेहद फायदेमंद हैं। प्राणायाम शरीर की आंतरिक सफाई के साधन माने जाते हैं।
कहीं भी कर सकते हैं योगा – वर्कआउट के लिए विभिन्न प्रकार के इक्विपमेंट्स और एक बड़े जगह की जरूरत होती है जबकि योगा को कहीं भी किया जा सकता है। योगा के लिए आपको केवल 6 बाइ 4 फीट की जगह की जरूरत होती है।
योगा से लेते हैं खुली सांस – प्राणायाम सांसों का व्यायाम है। दिन भर सांस लेते हुए हम कम बार ही गहरी सांस ले पाते हैं। तनाव के समय में भी हम उथली सांस ही लेते हैं। गहरी सांस हमारे सोचने-समझने की क्षमता को बढ़ाता है। प्राणायाम करते समय हम पर्याप्त मात्रा में गहरी सांस लेते हैं। जिससे शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी पहुंचता है।
किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं योगा – जिम में वर्कआउट को लेकर उम्र की सीमा जरूर होती है, जबकि योगासन के लिए उम्र का कोई प्रतिबंध नहीं है। बीमार व्यक्ति, ज्यादा उम्र के लोग तथा बच्चे वर्कआउट कर पाने में असमर्थ होते हैं जबकि योग कोई भी कर सकता है। योग कैंसर तक की बीमारी को दूर कर पाने में मददगार है।
ध्यान केंद्रित करता है योग – जिम में अक्सर लोग तेज म्यूजिक के साथ व्यायाम करते हुए पाए जाते हैं। इससे आपकी एकाग्रता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। योगा ध्यान की ही एक विधा है। इसे नियमित करने से आपका ध्यान एक जगह पर केंद्रित होता है और इससे आपका कॉन्संट्रेशन बढ़ता है।