योगी आदित्यनाथ ने माना मायावती का प्रस्ताव, गुजरात नतीजों के तत्काल बाद जारी हुआ ऑर्डर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती के उस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है, जिसमें माया ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट यानी अपने शासनकाल में बनाए गए पार्कों और मूर्तियों के संरक्षण का अनुरोध किया था। ‘द टेलीग्राफ’ के मुताबिक, गुजरात चुनाव के नतीजों के एलान के ठीक तीन दिन बाद 22 दिसंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मायावती के प्रस्ताव को मान लिया। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अगले साल 21 और 22 फरवरी को लखनऊ में होने वाले इन्वेस्टर मीट का उल्लेख करते हुए शहर के सभी पार्कों और मूर्तियों को चमकाने का आदेश अधिकारियों को दिया है, ताकि दुनियाभर से आने वाले निवेशकों के दिल-दिमाग में लखनऊ को लेकर एक अच्छी छवि बन सके।
बता दें कि मायावती साल 2012 से 2017 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बार-बार इस बाबत पत्र लिखती रही थीं लेकिन अखिलेश यादव ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। माया ने अपने पत्रों में सीएम को धमकी भी दी थी कि इन पार्कों और मूर्तियों की अनदेखी करने पर बहुजन समाज उन्हें सबक सिखाएगा। अब, जब योगी आदित्यनाथ ने मायावती के आग्रह को स्वीकार कर लिया है, तब राजनीतिक हलके में इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। गुजरात चुनावों के नतीजों से एक बात उभर कर सामने आई थी कि बसपा और एनसीपी ने करीब 10 सीटों पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा कर बीजेपी को जीत दिलाई थी। अब लोगों का मानना है कि गुजरात चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाने का इनाम मायावती को उनके शासन काल में बनाए गए पार्कों और मूर्तियों को चमकाकर दिया जाएगा।
बता दें कि इन मूर्तियों में खुद मायावती की भी मूर्ति है। इनके अलावा कांशी राम, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर समेत कई दलित चिंतकों और समाज सुधारकों की भी मूर्तियां लगाई गई हैं। वहां बड़ी संख्या में पत्थर के हाथी भी लगाए गए थे। यह मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट था।
साल 2002 से 2007 के बीच मायावती के शासनकाल में 4500 करोड़ रुपये खर्च कर गुलाबी पत्थर से बनाए गए इन पार्कों और मूर्तियों पर तब बहुत हंगामा हुआ था और इसे सरकारी धन का दुरुपयोग कहा गया था। समाजवादी पार्टी समेत बीजेपी ने भी इसका विरोध किया था। यहां तक कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी नोएडा में बनाए गए पार्क पर आपत्ति जताई थी और पर्यावरण मानकों का उल्लंघन करार दिया था।