योगी प्रभाव: आईएएस वीक के पहले दिन लंच और डिनर में नो नॉन वेज, सिर्फ शाकाहारी व्यंजन
योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रशासन के साथ कई अन्य क्षेत्रों में भी बदलाव दिखने लगा है। इसी का असर है कि ‘आईएएस वीक’ के पहले दिन लंच और डिनर में मांसाहारी व्यंजनों को शामिल नहीं किया गया। मेन्यू में सिर्फ शाकाहारी भोजन को ही स्थान दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाकाहारी हैं। आईएएस सप्ताह गुरुवार से लखनऊ में शुरू हुआ है।
एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री की पसंद और नापसंद को ध्यान में रखते हुए भोजन में मांसाहार को शामिल नहीं किया गया। यह पहला मौका है जब आईएएस वीक समारोह के आयोजन में फिश, मटन और चिकन को मेन्यू में जगह नहीं मिली। आमतौर पर आईएएस वीक में अवध क्षेत्र के लजीज मांसाहार भोज्य पदार्थों को जरूर शामिल किया जाता है। लेकिन, इस बार के मेन्यू में यह शामिल नहीं था। पहले दिन की मेजबानी राजभवन में खुद राज्यपाल राम नाइक ने की थी। अब तक के आयोजनों में नॉन वेज को शामिल किया जाता रहा है। लेकिन, योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के साथ ही इस पर ब्रेक लग गया है। नॉन वेज डिश के जगह पर शाही कोफ्ता, दाल मखनी, पनीर टिक्का, फ्रायड राइस, हांडी पनीर, गुलाब जामुन और गाजर का हलवा जैसे आयटम को शामिल किया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ नवरात्रि के समय फलाहार पर रहते हैं।
अाईएएस वीक में राज्य के प्रमुख के अलावा सरकार के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेते रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव या उनके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री भी मांसाहार भोजन को पसंद करते रहे हैं। मालूम हो कि वर्ष 2007 और 2012 को छोड़ कर हर साल आईएएस वीक का आयोजन किया जाता रहा है। यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी पूरे परिवार के साथ इस समारोह में शिरकत करते हैं। अखिलेश यादव के समय इस मौके पर आईएएस एकादश और राजनीतिज्ञों के बीच क्रिकेट मैच का भी आयोजन किया जाता था।