योगी सरकार ने की लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ में कराने की सिफारिश

देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के विधि आयोग के सुझाव की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है। समिति ने आज अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा प्रस्ताव है कि उदाहरण के लिये पहले लोकसभा और प्रदेशों के चुनाव एक साथ कराये जाएं। बाद में इसमें स्थानीय निकाय चुनावों को भी शामिल कर लिया जाये। यह रिपोर्ट 23 पन्नों की है। इसे सौंपने वाली सात सदस्यीय समिति की अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने की।

कमेटी का गठन मुख्यमंत्री ने किया था। एक देश, एक चुनाव और समान मतदाता पंजी’ शीर्षक वाली विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपने के बाद सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ”” उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जो पंचायत स्तर तक के सभी चुनावों को एक साथ करवाने पर राष्ट्रीय स्तर पर विमर्श कराने के प्रधानमंत्रीर के विचार को आगे बढ़ा रहा है। हमने इसका अध्ययन किया और पाया कि यह संभव हो सकता है।

रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हम इस रिपोर्ट को केंद्र को भेज रहे हैं और यह जनता के व्यापक हित में काफी अच्छा कदम होगा। उन्होंने कहा ष्कि समिति की रिपोर्ट में सुझाव है कि चुनाव प्रणाली को साफ सुथरा रखने के लिये आधार नंबर को मतदाताओं के नाम के साथ लिंक कर देना चाहिये इससे मतदाता के नाम का दोहराव नहीं हो सकेगा।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘एक देश – एक चुनाव’ के सुझाव के समर्थन में उत्तर प्रदेश लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का पक्षधर है।

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