योगी सरकार में प्रतिदिन 52 महिलाओं के साथ हो रहा बलात्कार! अखिलेश सरकार से सात गुना ज्यादा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्ती अपनाए हुए है। योगी सरकार के दौरान कई अपराधियों का एनकाउंटर कर दिया गया है, वहीं कई को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन आरटीआई से मिली एक जानकारी के बाद योगी सरकार में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल इस सरकार में दहेज हत्या, दुष्कर्म, छेड़छाड़ व महिला उत्पीड़न के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं, जो कि पिछली सरकार के मुकाबले काफी ज्यादा है। जन सूचना अधिकार (आरटीआई) के तहत दिए गए स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं।
एक सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा ने आरटीआई के तहत समाजवादी पार्टी के शासनकाल और भाजपा शासनकाल में हुए अपराधों के आंकड़े हासिल किए हैं। ये आंकड़े सपा शासनकाल के 16 मार्च, 2012 से लेकर 15 मार्च, 2017 तक के हैं। वहीं भाजपा सरकार में 16 मार्च, 2018 से लेकर 30 जून, 2018 तक हुए अपराधों का विवरण है। आरटीआई के तहत मिली इस जानकारी की बात करें तो अखिलेश यादव की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में 2012 से 2017 तक के समय में दहेज हत्या के 11449 मामले, बलात्कार के 13981 के मामले, शीलभंग के 36643 मामले, अपहरण के 48048 मामले, छेड़खानी के 4874 मामले, महिला उत्पीड़न के 51,027 मामले और पॉक्सो एक्ट के 13727 मामले दर्ज हुए थे।
वहीं योगी सरकार में इस साल 16 मार्च से लेकर 30 जून तक के 107 दिनों के समय में ही दहेज हत्या के 3435, बलात्कार के 5654, शीलभंग के 17249, अपहरण के 21077, छेड़खानी के 1410, महिला उत्पीड़न के 20573 और पॉक्सो के तहत 7018 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, सपा शासनकाल में हर रोज बलात्कार के औसतन 7 मामले दर्ज होते थे, लेकिन वर्तमान में योगी सरकार में यह आंकड़ा रोजाना औसतन 52 तक पहुंच गया है। इसी तरह दहेज हत्या, शीलभंग, अपहरण, छेड़छाड़ जैसे मामलों में भी काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा सवालों के घेरे में है और योगी सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने की जरुरत है।