रवीश कुमार ने RSS समर्थकों पर लगाया जान की धमकी देने का आरोप, FB पर कहा-भागवत तक मैसेज पहुंचा दो
वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवीश कुमार ने आरएसएस समर्थकों पर जाने से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। रवीश ने यह आरोप लगाते हुए अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट लिखी है। पोस्ट में उन्होंने कहा है कि एक व्हॉट्सऐप ग्रुप में मुझे जबरन शामिल किया गया है। मैं उस ग्रुप को डिलिट कर देता हूं, लेकिन मेरा नंबर फिर उस ग्रुप में शामिल कर दिया जाता है। रवीश ने कहा कि इस ग्रुप में हर तरह की धमकी और गालियां दी जाती हैं। रवीश ने ग्रुप की चेट के कुछ स्क्रिनशॉट्स भी फेसबुक पर शेयर किए हैं। इनमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।
रवीश ने साथ ही पोस्ट में लिखा है कि मेरे इस मैसेज को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तक पहुंचाया जाए और उनसे पूछा जाए कि क्या उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों को ऐसी भाषा बोलने की अनुमति दी है। रवीश का कहना है कि ग्रुप में शामिल सभी लोग अपने आपको आरएसएस का कार्यकर्ता करने का दावा करते हैं।
वीश ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ”एक व्हॉट्सऐप ग्रुप है ‘ऊँ धर्म रक्षति रक्षित:’। इसमें से कई लोग खुद को आरएसएस के होने का दावा करते हैं। जब भी कुछ विवाद होता है, ये एक्टिवेट होता है और मुझे अनाप शनाप कहने लगता है। हर तरह की धमकी और गाली दी जाती है। मुझे पता नहीं क्या करना चाहिए। डिलिट करता हूं तो फिर जोड़ लेते हैं। Dharm RSS Dharm 2 RSS और आकाश सोनी इसके ग्रुप एडमिन हैं। कई हैं । क्या कोई संघ प्रमुख मोहन भागवत तक ये मेसेज पहुँचा सकता है कि क्या उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों को ऐसी भाषा की अनुमति दी है? वैसे ग्रुप के लोगों को किसी बात से फर्क नहीं पड़ता।’
साथ ही उन्होंने लिखा है, ‘आप इस ग्रुप की भाषा पढ़ेंगे तो कांप जायेंगे। इतनी नफरत कौन भर रहा है इनमें । ‘लिंच मॉब’ की तरह बर्ताव करते हैं। मैं संघ के कई लोगों को जानता हूँ । पहले भी बताया था पर अब लगता है सार्वजनिक कर देना चाहिए। ताकि आपको पता रहे कि हम किस हालात में काम कर रहे हैं। गुजारिश है कि आप एक एक तस्वीर देखें और अपने देश के बारे में सोचें । भाषा की शालीनता अनुमति नहीं देती कि इन्हें यहां पोस्ट करूं लेकिन आप जानेंगे कैसे कि हम क्या क्या झेल रहे हैं? ये लोग फोन करके गालियां भी देते रहते हैं। कोई मोहन भागवत को जानता है? पता करके बता सकता है कि क्या इसी भाषा से धर्म की रक्षा होगी या उन्हें यही बता दें कि कोई संघ का नाम बदनाम कर रहा है। क्या इसी संस्कृति के लिए हम बौराए हुए हैं? क्या इन्हीं लोगों के दम से भारत विश्व गुरु बनेगा?’