राजदीप सरदेसाई ने बीजेपी को बताया सत्ता की भूखी, कहा- पार्टी का हो रहा कांग्रेसीकरण

रिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने को लेकर कटाक्ष किया है। हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित अपने लेख में राजदीप ने तृणमूल कांग्रेस के मुकुल रॉय के बीजेपी में शामिल होने पर उंगली उठाते हुए पूछा है कि “भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी के अलग पार्टी होने के दावे को क्या इससे गहरा धक्का नहीं लगा है?” राजदीप ने लिखा है कि जिस नारायण राणे को एक समय भ्रष्टाचार का प्रतिनिधि चेहरा बताती थी आज वो उसमें शामिल होने की कगार पर हैं। राजदीप ने संकेत किया है कि राणे का महाराष्ट्र के कोंकण पट्टी में अच्छा खासा दखल है लेकिन अब वो काफी कम होता जा रहा है। राजदीप ने पूर्व कांग्रेसी और भ्रष्टाचार के आरोप की वजह से एक वक्त चर्चा में आए सुखराम के बीजेपी में शामिल होने पर भी सवाल खड़ा किया है। राजदीप ने लिखा है कि बीजेपी हर किसी का स्वागत कर रही है जो पार्टी में शामिल होना चाहता है।

राजदीप ने लिखा है, “बीजेपी ने राजनीतिक गठजोड़ के लिए ज्यादा व्यावहारिक रास्ता चुना है। निर्विवाद सत्ता की अपनी भूख में बीजेपी अपने राजनीतिक विस्तार की राह में किसी भी नैतिक बाधा को नहीं आने देना चाहती। चाहे वो पूर्वोत्तर हो जहां बीजेपी ने पार्टियां तोड़कर सरकार बनाने में गुरेज नहीं किया या गोवा जहां पार्टी ने चुनाव में दूसरे नंबर पर आने के बावजूद रातों रात गठबंधन करके सरकार बना ली या तमिलनाडु जहां पार्टी सभी राजनीतिक विकल्प खुले रखे हुए है, संदेश साफ है कि बीजेपी राष्ट्रीय राजनीति में अपने रसूख का इस्तेमाल सत्ता पाने में करने से हिचकिचाएगी नहीं।”

राजदीप ने लिखा है कि बीजेपी का कांग्रेसीकरण होता जा रहा है और इस वजह से उसके वैचारिक जनाधार के खिसकने की आशंका है।राजदीप ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी की तुलना इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस से की है। राजदीप ने लिखा है, “इससे पहले भारतीय राजनीति में ऐसा एकाधिकार करने वाली एकमात्र पार्टी इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस थी।”

दूसरी तरफ राजदीप के लेख पर ट्विटर पर नारायण राणे और बीजेपी के समर्थक उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। राजदीप ने अपने लेख का लिंक ट्विटर पर शेयर किया था। राजदीप के लेख के नीचे ही नाराज यूजर्स ने प्रतिकूल टिप्पणियां की हैं। कुछ ने नारायण राणे का कोंकण क्षेत्र में प्रभाव कम होने की बात का विरोध किया है तो कुछ ने बीजेपी की आलोचना पर आपत्ति जताई है।

 

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