राजद नेता बोले- विरोधियों ने लालू का नाम लेकर जज को किया होगा फोन

राजद नेताओं ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि पार्टी के किसी भी सदस्य ने रांची की विशेष सीबीआई अदालत के जज को फोन नहीं किया। हालांकि, राजद नेताओं को लगता है कि राजनीतिक विरोधियों ने पार्टी समर्थकों की आड़ में यह हरकत की होगी। विशेष सीबीआई अदालत चारा घोटाले के एक मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को सजा सुनाने वाली है। राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी और जगदानंद सिंह ने यह टिप्पणी तब की है जब गुरुवार को विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह ने लालू की मौजूदगी में अदालत में कहा था कि राजद अध्यक्ष के शुभचिंतकों ने उन्हें फोन किया था। तिवारी ने पत्रकारों को बताया, ‘‘मुझे मीडिया में आई खबरों से इसके बारे में पता चला कि विशेष सीबीआई जज ने अदालत में उपरोक्त टिप्पणी की थी। मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि राजद का कोई भी नेता ऐसा कदम नहीं उठाएगा, क्योंकि हर कोई जानता है कि ऐसी बेताबी महंगी पड़ सकती है।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारे राजनीतिक विरोधियों ने राजद समर्थकों की आड़ लेकर ऐसी कॉल की होगी। वह लालू जी को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसी शरारत कर सकते हैं।’’ राजद उपाध्यक्ष तिवारी ने उम्मीद जताई कि देवघर कोषागार से धन की निकासी से जुड़े इस मामले में सजा की अवधि 2013 में सुनाई गई सजा से कम होगी, क्योंकि मौजूदा मामले में धनराशि पहले वाले मामले की तुलना में बहुत कम है। देवघर जिला कोषागार से 89.27 लाख रुपए की फर्जी तरीके से की गई निकासी से जुड़े एक मामले में 23 दिसंबर को सीबीआई की अदालत ने लालू को दोषी करार दिया था।

इससे पहले, चाईबासा कोषागार से 33.61 करोड़ रुपए की फर्जी तरीके से की गई निकासी से जुड़े मामले में लालू को 2013 में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। बाद में उच्चतम न्यायालय ने राजद सुप्रीमो को जमानत पर रिहा कर दिया था। लालू के वकील उनकी उम्र और खराब सेहत को देखते हुए न्यूनतम सजा की मांग कर रहे हैं। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सजा की अवधि तीन साल से कम की हुई तो लालू निचली अदालत से तत्काल जमानत की गुहार लगा सकेंगे।

तिवारी ने सवाल किया, ‘‘जज फोन करने वालों के नाम क्यों नहीं बता रहे? और उन्होंने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की?’’ राजद उपाध्यक्ष की राय से मिलती-जुलती टिप्पणी में पार्टी के नेता जगदानंद सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘इस बात की संभावना नहीं है कि लालू जी के शुभचिंतकों ने ऐसा कुछ किया होगा। जब तक जज इस पूरे घटनाक्रम पर ज्यादा रोशनी नहीं डालेंगे, फोन करने वालों की पहचान नहीं बताएंगे, तब तक इस मुद्दे पर ज्यादा नहीं कहा जा सकता।’’ इस बीच, भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता संजय सिंह ‘टाइगर’ ने आरोप लगाया कि जज को फोन करने की खबरें दिखाती हैं कि राजद के नेता न्यायपालिका पर दबाव डालने की कोशिश के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं ताकि उनकी पार्टी के सुप्रीमो को भ्रष्टाचार के परिणाम भुगतने से बचाया जा सके।

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