राजनाथ ने कहा, कोई नहीं छीन सकता आरक्षण
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में नियुक्तियों में आरक्षण लागू करने को लेकर विपक्ष के आरोप पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को स्पष्ट किया कि कोई व्यक्ति या संस्था अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों का आरक्षण नहीं छीन सकती। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पांच मार्च की एक अधिसूचना का हवाला दिया और आरोप लगाया कि सरकार विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में आरक्षण खत्म करना चाहती है। यादव ने कुछ विश्वविद्यालयों में निकली रिक्तियों का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार को अध्यादेश जारी कर उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण को बहाल करना चाहिए। इस पर गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था आरक्षण नहीं छीन सकती। सिंह ने कहा कि इस पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय विस्तृत जवाब देगा। महत्त्वपूर्ण है कि बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य शिक्षण संस्थाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के आरक्षण के प्रावधान को ठीक ढंग से लागू नहीं किए जाने का आरोप लगा रहे थे। सपा सदस्य इस विषय को उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी भी कर रहे थे।
लोकसभा में बुधवार को सदस्यों ने केरल समेत देश के कुछ अन्य तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश से हुए नुकसान का मुद्दा उठाया। सरकार ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि इस बारे में राज्यों से ज्ञापन मिलने के बाद प्रभावित इलाकों में केंद्रीय दल भेजा जाएगा। शून्यकाल में माकपा के संपत ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि मानसून के कारण केरल को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। 29 मई के बाद से बारिश के कारण राज्य के 14 जिले काफी प्रभावित हुए हैं।उन्होंने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में 90 लोगों की मौत हो चुकी है और काफी मकान टूट गए हैं व क्षतिग्रस्त हुए हैं। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केरल व कुछ अन्य तटीय राज्यों में काफी क्षति हुई है। सरकार को जवाब देना चाहिए कि इस पर क्या कदम उठाए गए हैं। इस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो वह संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से बात करते हैं और वहां जरूरी मदद मुहैया कराई जाती है। उन्होंने कहा कि इस बार भी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और दूसरी मदद दी गई है। गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों की तरफ से ज्ञापन मिलने के बाद केंदीय दल भेजा जाएगा और फिर उच्च स्तरीय बैठक में आगे फैसला होगा कि क्या मदद मुहैया कराने की जरूरत है।