राजस्थान में भी फर्जी वोटर्स? स्टडी का हवाला देकर बोली कांग्रेस- राज्य में 42 लाख फर्जी मतदाता
राजस्थान के सीकर दंता रामगढ़ विधानसभा सीट पर मकान संख्या 1312 जो कि बूथ नंबर 75 के तहत आता है, यहां पर 646 पंजीकृत वोटर्स हैं। इसी प्रकार गंगानगर के सादूलशहर विधानसभा क्षेत्र में 84 लोग ऐसे हैं जिनका नाम अंगेज कौर या अंगेज सिंह या अंग्रेज सिंह है। कई मामलों में मतदाताओं के कई विवरण जैसे नाम, पित या फिर पति का नाम एक जैसे हैं। राजस्थान के करोड़ों वोटर्स में से इन निष्कर्षों को निकाला है द पॉलिटिक्सडॉटइन नाम की संस्था ने। जो कि भारत की पहली टेक पॉलिटिकल स्टार्ट-अप होने का दावा करती है। इस संस्था ने ये रिसर्च कांग्रेस के लिए किया है।
कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है और इस रिसर्च का उल्लेख किया है। इस स्टडी के आधार पर कांग्रेस ने कहा है कि राज्य में लगभग 42 लाख फर्जी वोटर्स हो सकते हैं। संस्था के निष्कर्ष के मुताबिक कुल 42,08,841 संभावित डुप्लीकेट वोटर्स नाम, रिश्तेदार और लिंग जैसे मानकों के आधार पर सकते हैं। अध्ययन के दौरान एक विधानसभा क्षेत्र में 91 हजार 261 ऐसे रिकॉर्ड पाये गये जिसमें सभी वोटर्स के Electors Photo Identity Card (EPIC) नंबर एक थे।
डूंगरपुर के सगवारा विधानसभा क्षेत्र में 98 हजार 849 के संभावित नकली वोटरों के साथ फर्जी मतदाताओं का प्रतिशत सबसे अधिक है। ये आंकड़ें इस विधानसभा के कुल वोटर्स के 41.58 प्रतिशत होते हैं। जबकि चित्तौडगढ़ के कपसान में सबसे ज्यादा संभावित नकली वोटर्स हैं। यहां पर ये संख्या 99 हजार 624 या फिर विधानसभा के कुल मतदाताओं का 40.48 प्रतिशत होता है। कुल मिलाकर राज्य में मौजूद 4,75,04,699 मतदाताओं का लगभग 10 फीसदी हिस्सा संभावित डुप्लीकेट वोटर्स बनते हैं। बता दें कि ये अध्ययन 31 जुलाई को प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची के आधार पर किया गया है। इस पर ड्राफ्ट पर 21 अगस्त तक चुनाव आयोग ने आपत्तियां मांगी है।
कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने पूरे मामले पर कहा, “हम कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि इस अध्ययन के जरिये वोटर्स लिस्ट को दुरुस्त करने में मदद कर रहे हैं, क्योंकि हमलोग इस पूरी प्रक्रिया में एक पक्षकार हैं।” इस अध्ययन से पता चलता है कि 2013 से 2018 के बीच 70 लाख वोटर्स मतदाता सूची में जोड़े गये। मतदाता सूची में ये वृद्धि जनसंख्या वृद्धि के अनुपात से कही अधिक है। राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि इतने सारे नामों का जोड़ा जाना ये बताता है कि कुछ नामों को गलत तरीके से जोड़ा गया है, जबकि कुछ ऐसे हैं जिनका नाम ही वोटर्स लिस्ट में नहीं डाला गया है।