राज्यसभा चुनाव: अभिषेक मनु सिंघवी सरकार की ओर से बहुत केस लड़ते हैं इसलिए उनको समर्थन देंगे- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को समर्थन देगी। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी एकता के लिए ममता बनर्जी का यह ऐलान काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि अभिषेक मनु सिंघवी मशहूर वकील और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। हालांकि कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल से अभी तक अभिषेक मनु सिंघवी के नाम की अधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने बताया कि सिघंवी को नाम खुद सोनिया गांधी ने तय किया है।
टीएमसी ने आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए अपने 4 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। जिसके मुताबिक डॉ. शांतनु सेन, शुभाशीष चक्रबर्ती, अबीर बिश्वास और नदीमुल हक टीएमसी से राज्यसभा के उम्मीदवार होंगे। शुक्रवार को कोलकाता के नजरुल मंच में हुई टीएमसी की कोर कमेटी की बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि आज एक अच्छे कारण के लिए हमने एक फैसला किया है। हमसे निवेदन किया गया है कि हम राज्यसभा के लिए पांचवी सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी का समर्थन करें। ममता बनर्जी ने कहा कि हम अभिषेक मनु सिंघवी का समर्थन इसलिए भी करेंगे क्योंकि उन्होंने राज्य सरकार की ओर से कई कानूनी केस भी लड़े हैं। चूंकि सीपीएम ने राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है, इसलिए पार्टी कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।
बता दें कि 23 मार्च को पश्चिम बंगाल में राज्यसभा चुनाव होने हैं। राज्य में राज्यसभा की कुल 5 सीटें हैं, जिनमें से 4 सीटों पर टीएमसी उम्मीदवारों का जीतना तय है। वहीं सीपीएम ने इस बार अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है, जिस पर ममता बनर्जी ने पांचवी सीट पर अपना उम्मीदवार ना खड़ा करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला किया है। टीएमसी के पिछले राज्यसभा सांसदों में से सिर्फ नदीमुल हक ही फिर से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। बाकी में से मुकुल रॉय जहां भाजपा का दामन थाम चुके हैं, वहीं कुणाल घोष शारदा चिटफंड मामले में आरोपी हैं। वहीं विवेक गुप्ता को इस बार मौका नहीं दिया गया है। सीपीएम की ओर से पिछली बार तपन सेन सांसद चुने गए थे, लेकिन इस बार पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। नए उम्मीदवारों पर ममता बनर्जी ने कहा कि इस बार उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है।