राज्यसभा चुनाव: बीजेपी की लिस्ट से इन नेताओं में बेचैनी, मिर्ची तो लगी पर हैं खामोश

उत्तर प्रदेश की 10 राज्य सभा सीटों के लिए बीजेपी ने आठ उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। नौवें उम्मीदवार के तौर पर पार्टी ने निर्दलीय अनिल अग्रवाल को समर्थन देने का फैसला किया है। बीजेपी अपने सरप्लस 28 वोट अग्रवाल को दिलाएगी। रविवार को जारी लिस्ट में अलग-अलग राज्यों में कुल 18 उम्मीदवारों का एलान किया गया है मगर पार्टी ने मौजूदा राज्य सभा सदस्य विनय कटियार का नाम कहीं नहीं रखा है। राज्य में पर्याप्त संख्या में विधायक होने के बाद माना जा रहा था कि पार्टी राम मंदिर आंदोलन के इस अग्रणी नेता को फिर से संसद भेजेगी मगर उनकी जगह सपा से बगाबत कर आए दो-दो नेताओं को पार्टी ने संसद के ऊपरी सदन भेजने का फैसला किया है।

बता दें कि मुलायम सिंह के करीबी रहे अशोक बाजपेयी जो सात बार विधायक रह चुके हैं, उन्हें पार्टी ने तवज्जो देते हुए राज्य सभा का टिकट दिया है। वो पिछले साल ही बीजेपी में शामिल हुए थे। समाजवादी पार्टी से टूटकर बीजेपी में आनेवाले पूर्व एमएलसी हरनाथ सिंह यादव को भी बीजेपी ने यूपी से राज्यसभा का टिकट दिया है। इन दोनों नेताओं को पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को किनारे कर टिकट दिया गया है। किनारा किए जाने वालों में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत बाजपेयी और सुधांशु त्रिवेदी भी शामिल हैं।

विनय कटियार अपनी उम्मीदवारी को लेकर आश्वस्त थे मगर निराशा हाथ लगी है। न्यूज 18 इंडिया से उन्होंने कहा कि जैसा पार्टी का दिशा-निर्देश होगा, आगे भी वैसा ही काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पांच बार संसद का सदस्य रह चुका हूं। तीन बार लोकसभा और दो बार राज्य सभा सांसद रह चुका हूं। उन्होंने कहा कि फिलहाल मैं राजनीतिक योजना के बारे में कुछ नहीं कह सकता। बता दें कि दो दिन पहले ही विनय कटियार ने विवादित बयान में कहा था कि इस देश में मुसलमान नहीं रह सकते हैं। कटियार अयोध्या (फैजाबाद) से 1991, 1996 और 1999 में लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं। कटियार बजरंद गल के संस्थापक सदस्य और अध्यक्ष हैं। ये बाबरी विध्वंस मामले में सबसे ज्यादा आपराधिक मुकदमा झेलने वालों में शामिल हैं। राज्य सभा के लिए 23 मार्च को वोटिंग होगी और उसी दिन नतीजे आएंगे।

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