राज्यसभा चुनाव में निषाद पार्टी के विधायक ने सपा-बसपा से इस ‘अपमान’ का लिया बदला

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने विजय मिश्रा ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट कर न सिर्फ अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता का दिल जीता है, बल्कि एक साथ सपा-बसपा से अपने पुराने अपमान का हिसाब-किताब भी बराबर कर लिया है। राजनीति के वह नटवरलाल हैं। सत्ता किसी की हो लेकिन विपरीत माहौल को वह अपने पक्ष में करने में माहिर हैं।

विधायक विजय मिश्र ने पिछले दिनों गोपीगंज नगर के पड़ाव पर लोकार्पण और शिलान्यास समारोह के बहाने एक विशाल जनसभा कर जनता से राज्यसभा चुनाव में मतदान देने के बारे पूछा था। जनता ने किसी भी सूरत में बसपा को वोट नहीं देने को कहा था। जिसके बाद विजय मिश्र ने अपने ट्विटर एकाउंट से देश हित के लिए राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने की बात कही थी।

विधायक मिश्रा ने जनता के फैसले का सम्मान करते हुए शुक्रवार को भाजपा के पक्ष में वोट देने के साथ ही जनता के दिल में एक नई पहचान बनाई है। मायावती ने अपनी सरकार में जहां उन्हें जेल भेजा था। वहीं अखिलेश यादव ने पार्टी से निकाल दिया था। बाद में निषाद पार्टी से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। जब निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे को गोरखपुर से सपा ने उम्मीदवार बनाया तभी से उनकी दूरी बढ़ गई। जिसकी वजह से उन्होंने राज्यसभा में भाजपा को वोट देकर सपा-बसपा और निषाद पार्टी को जमीन दिखाई।

उधर निषाद पार्टी ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया है। वैसे यह तो होना ही था, लेकिन हर बार सत्ता के करीबियों के नजदीक रहने वाले बाहुबली विजय मिश्र की सेहत पर पार्टी की इस करवाई से कोई असर नहीं पड़ता नहीं दिख रहा है।

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