राज्यसभा में ‘पागल’ कहे जाने पर कांग्रेस सांसद दुखी, चिट्टी लिख कहा- आंध्र की जनता का अपमान हुआ
कांग्रेस पार्टी के एक राज्यसभा सदस्य ने शुक्रवार को कहा कि पीठासीन राज्यसभा उपसभापति द्वारा उनको ‘पागल व उपहास का पात्र’ कहे जाने से वह आहत हैं। यद्यपि उपसभापति ने बाद में उस टिप्पणी को कार्यवाही से हटा दिया था। कांग्रेस सांसद के. वी. पी. रामचंद्र राव ने राज्यसभा उपसभापति पी. जे. कुरियन को तीन फरवरी को लिखा अपना पत्र रविवार को मीडिया को साझा किया। पत्र में उन्होंने कुरियन की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि उनके लिए प्रयुक्त शब्दों से सही मायने में उनका नहीं, बल्कि उनके प्रदेश की जनता का अपमान हुआ है, जो अपने वाजिब अधिकारों के लिए आंदोलनरत है। राव आंध्रप्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं। शुक्रवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर राव हाथों में तख्तियां लिए सभापति के आसन के पास आ गए।
इस दौरान विभिन्न दलों के कई विपक्षी सदस्य उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस की सख्ती के मुद्दे को लेकर सभापति के आसन की बाई तरफ खड़े हो गए। इस बीच राव दाई तरफ से मंचासीन उपसभापति की ओर पीठ करके पोस्टर दिखाने लगे। राव केंद्र सरकार द्वारा आंध्रप्रदेश के प्रति लगातार प्रदर्शित उदासीन रवैये को लेकर अपनी नाराजगी जता रहे थे। कुरियन ने उनकी ओर मुखातिब होकर उन्हें विरोध बंद करने को कहा, लेकिन राव ने उनके निर्देशों की अनदेखी की। इसपर उपसभापति ने राव के व्यवहार को लेकर उक्त प्रतिक्रिया जाहिर की।
राव ने अपने पत्र में लिखा, ‘अपनी पूरी जिंदगी में पहली बार मैं खुद को सांत्वना नहीं दे सका। उपसभापति द्वारा मुझे पागल करार दिया गया, जिससे मैं बहुत दुखी हूं और उदास भी हूं। पार्लियामेंट के रिवाजों के नाम पर मुझे आंध्र प्रदेश की जनता की आवाज सदन के सामने रखने से रोक दिया गया। मैंने केंद्र सरकार से एपी पुनर्गठन अधिनियम लागू करने और राज्य के लोगों के लिए की गई संवैधानिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की मांग रखी, लेकिन मुझे उपसभापति ने ‘पागल व उपहास का पात्र’ करार दे दिया।