राज्‍यसभा उपसभापत‍ि चुनाव: सीतारमण के चलते एनडीए को नहीं म‍िलेंगे 13 वोट?

राज्यसभा में उपसभापति चुनाव सत्ता और विपक्ष के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। नौ अगस्त को होने वाले इस चुनाव के लिए एनडीओ की ओर से जदयू सांसद हरिवंश सिंह को उम्मीदवार घोषित करने की बात कही जा रही। वहीं अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए विपक्ष की ओर से भी लामबंदी तेज है। उच्च सदन में आज भी सत्ताधारी एनडीए अल्पमत में है। राज्यसभा सांसदों की संख्या 244 है, ऐसे में जीत के लिए 123 मतों की दरकार है। एनडीए के पास फिलहाल 96 तो विपक्ष के पास 116 सांसदों की संख्या बताई जाती है। बीजेपी की नजरें एनडीए और यूपीए के करीबी दलों से इतर पार्टियों के वोटों पर टिकी हैं। इसमें टीआरएस, बीजद, एआइएडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस के पास कुल मिलाकर 30 वोट हैं। अगर इन दलों के सांसद वोट देते हैं तो बीजेपी अपने उम्मीदवार को जिताने में सफल होगी।

मगर बीजेपी के लिए चिंता की बात है कि तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआइएडीएमके इस चुनाव में विपक्ष के साथ हो सकती है। जबकि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पार्टी ने एनडीए सरकार के पक्ष में वोट डाला था।भले ही बीजेपी और नरेंद्र मोदी से एआइडीएमके की नजदीकी रही हो, मगर हाल में जिस तरह से रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु के डिप्टी सीएम ओ पनीर सेल्वम से बर्ताव किया, उससे बताया जा रहा कि पार्टी नाराज है।

बात 24 जुलाई की है। पार्टी नेता डॉ. वी मैत्रेयन के साथ डिप्टी सीएम ओ पनीरसेल्वम नई दिल्ली में साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय गए थे मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने। बाहर पनीरसेल्वम बैठे इंतजार करते रहे मगर निर्मला सीतारमण उनसे मिलीं ही नहीं। उसी शाम चेन्नई एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पत्रकारों से बातचीत में पनीर सेल्वम ने तमिलनाडु के प्रथम मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई का चर्चित बयान दोहराया-सब कुछ सहने के लिए आपका बड़ा दिल होना चाहिए। इससे माना जा रहा है कि निर्मला के बर्ताव ने उन्हें आहत किया।इस वाकये ने एआइएडीएमके के नेताओं को भी भड़काने का काम किया। वजह थी कि पार्टी के सांसदों ने एक दिन पहले ही अविश्वास प्रस्ता पर एनडीए सरकार के पक्ष में वोट डाला था, जबकि अगले दिन सरकार के कैबिनेट मंत्री की ओर से ऐसा बर्ताव हुआ। उधर डॉ, मैत्रेयन का कहना है कि उस घटना से तमिल गौरव प्रभावित हुआ।

पार्टी के 13 सांसदों के वोट विपक्षी उम्मीदवार को चले जाएंगे अगर अमित शाह पनीर सेल्वम से बात कर घटना के लिए खेद नहीं जताते। एआइएडीएमके के साथ छोड़ने से पड़ने वाले असर के बारे में सूत्रों ने राज्यसभा में लोक लेखा समिति के चुनाव की ओर इशारा किया। जिसमें एआइएडीएमके के सांसदों ने टीडीपी के सीएम रमेश के वोट कर पलड़ा भारी कर दिया। डॉ. मैत्रेयन के मुताबिक पार्टी के सांसद बीजेपी के उम्मीदवार को हराने के लिए उस घटना को मुद्दा बना सकते हैं।

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