राज्यसभा चुनाव: भाजपा ने इन्हें बनाया अपना उम्मीदवार, जानिए कौन हैं ये
बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए चार और उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पार्टी ने सरोज पांडेय, जीवीएल नरसिम्हा राव, डॉ अनिल जैन और अनिल बलूनी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि सरोज पांडेय छत्तीसगढ़ बीजेपी से ताल्लुक रखती हैं और इस वक्त बीजेपी की महासचिव हैं। वहीं हिन्दी अंग्रेजी टीवी चैनलों पर नजर आने वाले जीवीएल नरसिम्हा राव बीजेपी के तेज-तर्रार प्रवक्ता हैं। दक्षिण भारत से आने वाले जीवीएल नरसिम्हा राव बीजेपी में आने से पहले चुनाव विश्लेषक थे। इसके अलावा वह सीएम शिवराज सिंह चौहान के सलाहकार की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
बीजेपी के तीसरे राज्यसभा कैंडिडेट अनिल बलूनी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और वह संघ के करीबी हैं। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के रहने वाले अनिल बलूनी टीवी बहस में भी दिखते हैं। इस वक्त वह हरियाणा और छत्तीसगढ़ के पार्टी प्रभारी हैं। हालांकि अबतक यह साफ नहीं हो पाता है कि बीजेपी ने इन नेताओं को किस राज्य से संसद के उच्च सदन में भेजना चाहती है। बीजेपी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम का भी ऐलान कुछ ही दिन पहले राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में किया था।
बता दें कि अभी उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। यूपी में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद बीजेपी यहां अपने आठ उम्मीदवारों को आसानी से जीता सकती है। आठ जीत के बाद भी बीजेपी के पास लगभग दो दर्जन विधायकों का वोट बच जाएगा। इसलिए बीजेपी यूपी में अपना नौंवा उम्मीदवार भी खड़ा कर सकती है। राज्यसभा के लिए 23 मार्च को वोट होने वाले हैं।
आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने भी राज्यसभा चुनाव के लिए अपने दो उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगाई है। राज्यसभा के वर्तमान सांसद सी.एम.रमेश को सामान्य कोटे से फिर से नामांकित किया गया है और दलित समुदाय से तेदेपा के वरिष्ठ नेता वर्ला रमैया को नामांकित किया गया है। पार्टी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अंतिम फैसला लेने से पहले तीन दिन तक पार्टी के दूसरे नेताओं के साथ सलाह-मशविरा किया। वरिष्ठ नेता बीदा मस्तान राव ने राज्यसभा चुनाव में नामांकित होने के लिए अंतिम समय तक जोर लगाया लेकिन कहा जा रहा है कि उन्होंने नायडू के इस आश्वासन पर अपनी दावेदारी वापस ले ली कि विधानसभा चुनाव में उन्हें महत्व दिया जाएगा। शुरू में, तेदेपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारने पर विचार किया था। लेकिन, मोदी सरकार से अपने दोनों मंत्रियों को बाहर निकालने के बाद के बदले राजनीतिक माहौल के मद्देनजर तेदेपा ने दो को ही उतारने का फैसला किया।